
पांच वर्ष तक साल में एक बार दवा खाने से फाइलेरिया की संभावना हो जाती है खत्म : एसीएमओ
- रामजी गुप्ता, सहायक संपादक बिहार
- Aug 17, 2023
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- एमएम महिला कॉलेज में प्रोफेसर, शिक्षकों व स्वयं सेवकों को मिली एमडीए कार्यक्रम की जानकारी
- फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में एनएसएस के स्वयंसेवक करेंगे सहयोग
आरा।। जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 10 अगस्त से सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान की शुरुआत हो रही है। कार्यक्रम का सफल बनाने के साथ साथ लोगों को दवाओं का सेवन करने के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग व सहयोगी संस्थान भी इस अभियान के जरिए लोगों को जागरूक करने में जुटे हुए हैं। एमडीए को लेकर प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल (पीसीआई) की टीम लोगों को जागरूक करने में जुटी हुई है। पीसीआई के जिला मोबिलाइजेशन समन्वयक द्वारा विभिन्न संगठनों, संस्थानों के साथ स्कूल और कॉलेजों में जाकर लोगों को जागरूक करने और अभियान में सहयोग करने की अपील की जा रही है। इस क्रम में बुधवार को जिला मुख्यालय स्थित एमएम महिला कॉलेज में उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें कॉलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई के स्वयं सेवकों, शिक्षकों और प्रोफेसर्स को एमडीए की जानकारी दी गई। ताकि, स्वयं सेवक अपने कार्य क्षेत्र के वार्ड व टोलों में जाकर लोगों को एमडीए के प्रति जागरूकता फैलाए और इस अभियान को सफल बनाने में सहयोग करें।
पांच वर्ष तक साल में एक बार दवा खाने से फाइलेरिया की संभावना हो जाती है खत्म :
अपर चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. केएन सिन्हा ने कहा, लोगों को सबसे पहले फाइलेरिया के संबंध में जानना होगा। फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है। जो किसी भी उम्र में हो सकता है। फाइलेरिया के लक्षण हाथ और पैर की सूजन हाथीपांव के साथ हाइड्रोसील व स्तन को भी प्रभावित करता है। फाइलेरिया के रोकथाम के लिए डीईसी एवं अल्बेंडाजोल की गोली साल में एक बार सरकार द्वारा मुफ्त में खिलायी जाती है। लागतार पांच तक दवाओं का साल में एक बार सेवन करने से फाइलेरिया की संभावना पूरी तरह खत्म हो जाती है। उन्होंने कहा कि 2 साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्तियों के अलावा यह दवा सभी को खिलाई जाएगी। यह दवा खाली पेट नहीं खाना है। दवा स्वास्थ्य कर्मी के सामने ही खाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि कभी कभी किसी व्यक्ति को मरते हुए परजीवी के प्रतिक्रिया स्वरूप सर दर्द, शरीर में दर्द बुखार उल्टी, बदन पर चकत्ते जैसी मामूली प्रतिक्रिया देखने को मिलती है। इससे घबराना नहीं चाहिए और यह लक्षण स्वतः ही ठीक हो जाते हैं।
लोगों में आएगी एमडीए अभियान की समझ :
पीसीआई के जिला मोबिलाइजेशन समन्वयक की जुलेखा फातमा खान ने बताया कि अभी स्वास्थ्य विभाग व सहयोगी संस्थानों द्वारा जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जो काफी महत्वपूर्ण है। इससे लोगों में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम और एमडीए अभियान की समझ आएगी। लोगों को पूर्व से एमडीए को लेकर समझ बढ़ेगी, तो अभियान को सफल बनाने में सहूलियत मिलेगी। उन्होंने बताया कि कई बार ऐसा भी होता है की कुछ इलाकों से दवाओं को लेकर रिफुजल की सूचना आती है। उस दौरान जागरूकता के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। जिन इलाकों में ऐसी स्थिति आएगी, वहां पर फाइलेरिय से ग्रसित लोगों लेकर स्वास्थ्य विभाग और पीसीआई की टीम जाएगी। जहां लोगों को फाइलेरिया के दुष्प्रभावों और दवाओं के महत्व की जानकारी दी जाएगी। जिससे लोग दवाओं का सेवन करने के लिए प्ररित हो सकें।
उन्मुखीकरण कार्यशाला में पिरामल के वेक्टर जनित रोग नियंत्रण डीपीओ चंदन प्रसाद, वीबीडीएस अजीत पटेल, कॉलेज की प्राचार्य मिणा कुमारी समेत कॉलेज के शिक्षक, स्टाफ और स्वयं सेवक मौजूद रहें।
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