मरीज खुद से भी कर सकते हैं ओरल व ब्रेस्ट कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों की जांच : डॉ. वरूण

- इटाढ़ी पीएचसी में आशा कार्यकर्ताओं को कैंसर के लक्षणों व उसके बचाव की दी गई जानकारी

- आशा कार्यकर्ता अब लोगों को बताएं कैंसर की स्वयं स्क्रीनिंग करने के तरीके


बक्सर ।। जिले में गुटखा, पान मसाला और तंबाकू निर्मित उत्पादों के  सेवन करने वाले बहुतायत संख्या में हैं। जिनमें अधिकांश लोगों में ओरल कैंसर के प्रारंभिक लक्षण दिखाई देते हैं। यदि समय रहते उन प्रारंभिक लक्षणों को लोग पहचान कर अपना इलाज शुरू कराएं, तो उन्हें भविष्य में परेशनियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। उक्त बातें होमी भाभा कैंसर अस्पताल व रिसर्च सेंटर के ओआईसी डॉ. वरूण संकृत ने इटाढ़ी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान आशा कार्यकर्ताओं से कहीं। जिसका आयोजन एल्केम फाउंडेशन के तत्वावधान में किया गया था। इस दौरान डॉ. वरूण संकृत ने आशा कार्यकर्ताओं को ओरल और ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों की पहचान करने के संबंध में जानकारी दी। प्रशिक्षण में प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक आनंद कुमार राय, सामाजिक उत्प्रेरक सत्येंद्र कुमार, यूनिसेफ बीएमसी समीर कुमार, बीएमई प्रकाश दुबे, हेड कलर्क रणजीत कुमार के साथ एएनएम, आशा फैसिलिटेटर व कार्यकर्ताएं मौजूद रहीं।

लक्षणों की पहचान जरूरी है :

डॉ. वरूण संकृत ने बताया, कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों की पहचान होने से मरीज का समय से इलाज संभव है। जिससे  उसे ठीक किया जा सकता है। वहीं, ओरल व ब्रेस्ट कैंसर की प्रारंभिक पहचान मरीज स्वयं कर सकते हैं। इसके लिए लक्षणों की पहचान जरूरी है। उन्होंने कहा कि आशा ऐसे लोगों को चिह्नित करें, जो तंबाकू का सेवन अधिक करते हैं। उसके बाद उन्हें कैंसर के खतरों व उसके पहचान से संबंधित जानकारी दें। स्वयं जांच करने के लिए मरीज को अपने  मुंह को साफ पानी से धोते हुए कुल्ला करना होगा। उसके बाद आइने के सामने अच्छी रोशनी में सफेद या लाल छाले, न ठीक होने वाले पुराने जख्म या घाव के साथ पूरा  मुंह न खोल पाने जैसी बातों की जांच करनी है। यह परीक्षण महीने में एक बार अनिवार्य है। इससे कैंसर के लक्षणों की पहचान होगी। अगर उनमें मुंह के कैंसर के प्रारंभिक लक्षण दिखे, तो तुरंत उन्हें डॉक्टर की सलाह लेने को कहें ।

महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले अधिक :

डॉ. वरूण संकृत ने बताया, आज के परिवेश में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले अधिक आने लगे हैं। स्तन में गांठ पड़ना, स्तन में दर्द एवं खुजली होना, स्तन की त्वचा में गड्ढे पड़ना, त्वचा पर नारंगी रंग के चकत्ते पड़ना आदि स्तन कैंसर के प्रमुख लक्षण हैं। समय-समय पर स्तनों की खुद से जांच कर स्तन कैंसर से बच सकते हैं। अल्ट्रासाउंड या मैमोग्राम के द्वारा इस बीमारी का पता लगाया जाता है। जितनी जल्दी कैंसर का पता चलता है, उसी अनुसार शत-प्रतिशत सफल इलाज होने की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने बताया, कुछ ही कैंसर ऐसे होते हैं जिनके लक्षण आने से पहले स्क्रीनिंग कर पता लगाया जा सकता है। महिलाओं में पाए जाने वाले स्तन और सर्वाइकल कैंसर इन्हीं में आते हैं। ये बड़ा रूप लें, इससे पहले इनका इलाज संभव है। ऐसे में हर महिला को जागरूक रहने की आवश्यकता है।

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