
“चमकी को धमकी” कार्यक्रम के तहत जिले में चलाया जायेगा विशेष अभियान
- रामजी गुप्ता, सहायक संपादक बिहार
- Jun 16, 2022
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- सहयोगी संस्थानों और विभागों के आपसी समन्वय से लोगों को किया जायेगा चमकी के प्रति जागरूक
- शिक्षा विभाग व आईसीडीएस के साथ साथ जीविका दीदियों की भी ली जायेगी मदद
बक्सर ।। यूं तो जिले में चमकी बुखार ने अभी तक दस्तक नहीं दी है। लेकिन, जिले में लगातार पड़ रही गर्मी के प्रकोप को देखते हुये स्वास्थ्य विभाग किसी भी स्तर से कोई कमी नहीं रखना चाहता है। इसके लिये राज्य स्वास्थ्य समिति ने भी अलर्ट जारी किया है। जिसके तहत अब बक्सर जिले में चमकी बुखार के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिये विशेष अभियान चलाया जायेगा। इसके लिये जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण विभाग को जिम्मदारी दी गई है। जो स्वास्थ्य विभाग के सहयोगी संस्थाओं और विभागों के साथ आपसी समन्वय स्थापित कर लोगों को जागरूक करेगा। इसके लिये जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण विभाग ने माइक्रोप्लान भी बना लिया है। जिसके तहत सभी प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को विद्यालयों में स्कूली बच्चों को चमकी को धमकी अभियान के तहत जागरूक करने के लिये विद्यालय शिक्षा समिति की मासिक बैठक में चमकी बुखार पर चर्चा और फ्रंटलाइन वर्कर्स के द्वारा अपने संबंधित क्षेत्र में प्रबुद्ध लोगों से बैठकों में चर्चा करने का निर्देश दिया है।
लोगों को जानने होंगे चमकी बुखार के लक्षण :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया, चमकी एक गंभीर बीमारी है। इस बीमारी से आम तौर पर एक से 15 वर्ष तक के बच्चे अधिक प्रभावित होते है। ऐसे में इस बीमारी से बचाव की दिशा में अभी से सतर्कता जरूरी है। गर्मी बढ़ने के साथ इसका असर शुरू होता है। अभिभावक बच्चों के प्रति सतर्क एवं सावधान रहें। फिलहाल जिले में अभी चमकी के मरीज नहीं हैं । लेकिन, लोगों को चमकी बुखार के लक्षणों की जानकारी होना बेहद जरूरी है। ताकि, समय आने पर वे मरीज में लक्षणों की पहचान कर सकें और समय पर उनका इलाज शुरू किया जा सके।
बच्चों को खाली पेट न सोने दें :
वेक्टर जनित रोग सलाहकार राजीव कुमार ने बताया, चमकी बुखार से बचाव के लिए छोटे बच्चों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। उनकी समुचित देखभाल से ही इससे सुरक्षा की जा सकती है। इसके लिये छोटी छोटी और जरूरी बातों पर ध्यान रखना होता है। चमकी बुखार में बच्चों को रात में भूखे पेट नहीं सोना है। साथ ही रात में गुड़ जरूर खिलाना है, ताकि शुगर लेवल बरकरार रहे। वहीं, सुबह उठने पर बच्चा यदि बेहोशी की हालत में है या फिर बहुत ज्यादा सुस्त है, तो तत्काल उसे नजदीकी अस्पताल ले जाना चाहिये।
ये हैं चमकी बुखार के प्रारंभिक लक्षण :
- लगातार तेज बुखार रहना
- बदन में लगातार ऐंठन रहना
- दांत पर दांत दबाए रखना
- सुस्ती चढ़ना
- कमजोरी की वजह से बेहोशी आना
- चिउटी काटने पर भी शरीर में कोई गतिविधि न होना
चमकी बुखार से बचाव के लिये यह सावधानियां जरूरी :
- बच्चों को बेवजह धूप में न निकलने दें
- गंदगी से बचें, कच्चे आम, लीची व कीटनाशकों से युक्त फलों का सेवन न करें
- ओआरएस का घोल, नींबू पानी, चीनी लगातार पिलायें
- बुखार होने पर शरीर को पानी से पोंछे और पारासिटामोल की गोली दें
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