आशा कार्यकर्ताएं अब लोगों तक सहजता से पहुंचा सकेंगी सरकारी सेवाओं का लाभ

• जिला मुख्यालय में आशा कार्यकर्ताओं को दिया जा रहा मॉड्यूल 5, 6 व 7 का प्रशिक्षण

• 23 मार्च तक चरणवार चनित आशा कार्यकर्ताओं का किया जायेगा क्षमतावर्धन

बक्सर ।। राज्य स्वास्थ्य समिति के द्वारा स्वीकृत पीआईपी के आलोक में जिलास्तर पर आशा प्रशिक्षण माड्यूल 5, 6 एवं 7 के चौथे चरण का आयोजन किया जा रहा है। छह दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण के पहले दिन चौसा पीएचसी अंतर्गत आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया। बीते दिनों कोरोनाकाल की वजह से इन प्रशिक्षणों को रोक दिया गया था। लेकिन, पूरी तरह अनलॉक होने के बाद इसका संचालन फिर से शुरू किया गया है। प्रशिक्षण कैलेंडर के अनुसार आशा कार्यकर्ताओं को चरणवार सूचीबद्ध करते हुए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिलामुख्यालय के पुराने सदर अस्पताल परिसर में स्थित पारामेडिकल महिला छात्रावास में किया जा रहा है। जिसमें चयनित आशा कार्यकर्ताओं को एक से 23 मार्च तक चरणवार प्रशिक्षण दिया जायेगा। मौके पर ट्रेनिंग दे रही एएनएम अनिता पाल ने बताया, एक से छह मार्च तक चौसा व 7 से 12 मार्च तक चक्की की आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जायेगा। वहीं, 13 से 23 मार्च तक दो चरणों में प्रशिक्षण दिया जायेगा।

लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिलना होगा सुनिश्चित :

प्रशिक्षक मृत्युंजय कुमार ने बताया, यह प्रशिक्षण स्वास्थ्य विभाग के तत्वाधान में दिया जा रहा है। प्रशिक्षण से लाभ लेकर आशा कार्यकर्ता अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन बेहतर तरीके से कर सकेंगी। साथ ही, समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवा का लाभ पहुंचाएंगी। वहीं, इसके माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ मिल सकेगा और लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिलना सुनिश्चित होगा। उन्होंने बताया, प्रशिक्षण सत्र में आशा कार्यकर्ताओं को लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने, महिलाओं को प्रसव पूर्व की तैयारियां, सुरक्षित प्रसव, सुरक्षित गर्भपात, समय से पूर्व जन्मे बच्चे औऱ जन्म के समय कम वजन वाले शिशुओं का कैसे मूल्यांकन किया जाना है, साथ ही होने वाले खतरों से कैसे सुरक्षित करना है आदि के संबंध में वृस्तित जानकारी दी जा रही है। 

आशा कार्यकर्ताओं में पैदा होगी गहन समझ :

डीसीएम संतोष कुमार राय ने बताया, प्रशिक्षण के माध्यम से आशा कार्यकर्ताओं का क्षमता वर्धन होगा। साथ ही, प्रसव के बाद उनके कार्यों की गहन समझ पैदा होगी। जो काफी महत्वपूर्ण है। इसके माध्यम से आशा कार्यकर्ताओं को शिशुओं की देखभाल संबंधी जानकारियां, मां को शिशुओं के देखभाल संबंधित जानकारी व परामर्श, नवजात शिशुओं में रक्त संक्रमण की पहचान एवं जांच के साथ स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी जा रही है। उन्हें बताया जा रहा है कि सुरक्षित प्रसव के बाद भी वे गृह भर्मण कर जच्चा, बच्चा के स्वास्थ्य का पता लगाएंगी, साथ ही किसी तरह की परेशानी होने पर उन्हें अस्पताल लेकर आएंगी, उचित ईलाज में सहायता उपलब्ध कराएंगी।

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