
मोबाइल के माध्यम से सेविकाएं करेंगी मुख्यमंत्री कन्या उत्थान आवेदनों का सत्यापन
- रामजी गुप्ता, सहायक संपादक बिहार
- Dec 16, 2021
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आईसीडीएस विभाग के अधिकारियों व सेविकाओं को दिया जाएगा प्रशिक्षण
बक्सर,।। राज्य सरकार लोगों के लिए सेवाओं व योजनाओं को और भी सुविधाजनक बनाने को तत्पर है। ताकि, लाभुकों को सेवाओं और योजनाओं को लाभ मिलने के साथ साथ उनकी निगरानी आसानी से की जा सके। इस क्रम में एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) विभाग भी अपने स्तर से नई नई रणनीति के तहत काम कर रहा है। जिसके तहत मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना लाभ की प्रक्रिया को भी आसान किया जा रहा है। अधिक से अधिक पात्र लाभुक इसका लाभ उठा सकें, इसके लिए एक नई पहल की शुरूआत की गयी है। इसके तहत बेटियों के माता-पिता घर बैठे अपने मोबाइल फोन के जरिये योजना लाभ के लिये आवेदन कर सकेंगे। जन्म से दो साल तक की बेटियों को योजना का लाभ दिलाने के लिये ई-पोर्टल के माध्यम से ऑन लाइन आवेदन किये जा सकेंगे। आवेदन के लिये अब अभिभावकों को आंगनबाड़ी केंद्र व विभागीय कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना होगा। इससे पूर्व ऑनलाइन आवेदन को अपलोड कर अभिभावक सेविका के माध्यम से आवेदन भरते थे। नई व्यवस्था के तहत बच्ची के माता-पिता ऑनलाइन माध्यम से स्वयं आवेदन कर सकेंगे। सेविका के माध्यम से आवेदनों का सत्यापन किया जायेगा। इसके तुरंत बाद लाभुकों को योजना का लाभ उपलब्ध हो सकेगा।
बालिकाओं को सम्मानित जीवन का हक देना योजना का उद्देश्य :
आईसीडीएस डीपीओ तरणि कुमारी ने बताया, योजना का संचालन जल्द शुरू किया जाएगा। इसके लिए 15 दिसंबर से प्रशिक्षण का कार्य शुरू होगा। अधिकारियों के प्रशिक्षण के बाद सेविकाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा उन्होंने बताया, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के संचालन का मुख्य उद्देश्य राज्य में कन्या भ्रूण हत्या रोकना, जन्म पंजीकरण व संपूर्ण टीकाकरण को बढ़ावा देने, लिंग अनुपात में वृद्धि लाने, बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने, बाल विवाह के मामलों में कमी लाते हुए बालिकाओं को सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अधिकार प्रदान करना है। इसके तहत 0 से 2 साल आयु वर्ग की बेटी के मां के खाते में 2000 रुपये व जन्म के 01 वर्ष बाद आधार पंजीयन होने पर बच्ची के उचित पोषण के लिये 1000 रुपये दिये जाते हैं।
व्यापक स्तर पर किया जाएगा प्रचार प्रसार :
पीएमएमवीआई के जिला समन्वयक चंदन कुमार ने बताया, समाज कल्याण विभाग की इस नई पहल का जिले में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। परियोजना कार्यालय से लेकर आंगनबाड़ी स्तर पर इसे लेकर व्यापक पैमाने पर जन जागरूकता अभियान के संचालन का निर्देश दिया गया है। विभाग अधिक से अधिक पात्र लाभुकों को इसका लाभ उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयासरत है। उन्होंने बताया, ऑनलाइन प्रक्रिया के दौरान आवेदन में पूछे गये तमाम बातों की जानकारी देनी होगी। संबंधित आंगनबाड़ी केंद्र व सेविका का नाम देने के साथ बेटी का जन्मप्रमाणपत्र व मां के साथ बच्ची की तस्वीर भी अपलोड कराना अनिवार्य होगा। यह लाभ एक परिवार में दो कन्याओं के जन्म तक ही दिया जाता है। पहली बार दो हजार व उसके बाद आधार जमा कराने पर एक हजार दिये जाने का प्रावधान है।
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