दीपावली पर रोशनी से जगमगा उठे शहर और गांव, दूसरे दिन हुई गोवर्धन पूजा




तलेन


खुशियों का त्यौहार दीपावली हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया। आतिशबाजी हुई, इसके पहले श्रद्धा के साथ मां लक्ष्मी का पूजन व गौ माता का पूजन किया गया 

 गया और एक दूसरे को गले लगकर दीवाली की बधाईयां दी गईं। दीपोत्सव को लेकर बाजार में सुबह से ही हलचल रही। लोगों ने शाम को होने वाले पूजन के लिए फूला, मालाएं, खरीदीं। घरों को बंदनवार, रंगोली से सजाया गया।  


गोवंश को मेहंदी लगाई  गई। उनके सींगों को तरह-तरह के रंग किए गए। बाद में बेड़े व अन्य सजावट सामग्री से सजाया जाएगा। 

इसके पशुपालकों ने गोवंश के गले में कंठी से भी श्रृंगार किया।  शाम को सपरिवार पूजन शुरू हुआ। लक्ष्मी पूजन व गौ माता का पूजन किया गया।

पूजन के बाद आतिशबाजी का दौर चला, लोगों ने एक दूसरे को बधाईयां दीं।


 गोवर्धन का किया पूजन


अपनी अंगुली पर धारण कर जिस गोवर्धन पर्वत के सहारे भगवान कृप्ण ने गोकल वासियों को इंद्र के प्रकोप से बचाया था उसी गोवर्धन पर्वत का पूजन दीपावली के अगले दिन सुबह भक्तों द्वारा किया गया। घरों पर महिलाओं ने गोबर से भगवान गोवर्धन की आकृति बनाई। कई स्थानों पर रंगों से उस आकृति से सजाया गया। सुख, समृद्धि देने तथा संकटों से उबारने की विनय की गई। गोवर्धन पूजन के पहले पशुपालको द्वारा

 भैंस का  पूजन कीया गया। तत्पश्चात महिलाओं ने  गोवर्धन का पूजन  किया और धनधान्य बनाए रखने के लिए भगवान की स्तुति की। तथा रात्रि मे कृषि कार्य में  सहायक  बैलो का पूजन बड़ी धूमधाम से के साथ किया गया साथ ही ट्रैक्टर व आदि वाहनों का भी पूजन किया गया।

रिपोर्टर

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