
व्यापार मंडल का चुनाव नहीं होने से किसानों का भारी नुकसान
- रामजी गुप्ता, सहायक संपादक बिहार
- Jun 13, 2021
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चांद से अभिमन्यु सिंह की रिपोर्ट
चांद ( कैमूर )।। पिछले 10 साल से व्यापार मंडल का चुनाव नहीं होने से किसानों को भारी नुकसान उठाना पडा है। पैक्स के अलावा व्यापार मंडल किसानों की संस्था मानी जाती है। 2012 से ही आपसी तकरार में चुनाव नहीं हो पा रहा है। पुर्व पैक्स अध्यक्ष कृष्ण कांत सिंह ने बताया व्यापार मंडल में पैक्स अध्यक्ष के अलावा मनोनीत किसान भी सदस्य होते हैं। जानकारी के अनुसार व्यापार मंडल के कुल 88 सदस्य हैं। 88 व्यापार मंडल सदस्यों में से अधिक सदस्यों की मौत हो चुकी है। पैक्स अध्यक्ष एवं मनोनीत सदस्य व्यापार मंडल के अध्यक्ष का चुनाव करते हैं। पैक्स के भांति व्यापार मंडल को धान एवं गेंहू अधिप्राप्ति का अधिकार है। व्यापार मंडल पुरे प्रखण्ड के किसानों का धान एवं गेंहू अधिप्राप्ति कर सकती है किसान राधे कृष्णा सिंह भिखारी सिंह पैक्स अध्यक्ष रमाशंकर सिंह विजय कुमार आदि ने बताया व्यापार मंडल सक्रिय होने से पैक्स का एकाधिकार समाप्त हो जाता। किसानों ने कहा पैक्स के द्वारा धान एवं गेंहू की अधिप्राप्ति किसानों से नहीं किये जाने पर किसानों के पास व्यापार मंडल के पास धान या गेंहू बेचने का अधिकार होता।पिछले 10 साल किसानों को व्यापार मंडल के मिलने वाले अधिकार से बंचित करने से किसानों का करोड़ों रूपये का नुकसान उठाना पडा है। किसानों ने व्यापार मंडल के चुनाव करने की मांग की है। किसान मजदूर संघर्ष समिति चांद की इकाई ने व्यापार मंडल के चुनाव के लिए जिलाधिकारी को आवेदन पत्र सौंपेगी। इस संबंध में व्यापार मंडल की चुनाव नहीं होने की जानकारी अधिकारियों से मिली की दो पक्षों के आमने सामने होने से चुनाव टालने के लिए कानूनी अडचन लगाया जाता रहा है। एक पक्ष के द्वारा पैक्स अध्यक्ष को केवल मतदान में भाग लेना का अधिकार देने की मांग पर अडा है दुसरा पक्ष सभी सदस्यों को मतदान में भाग लेने पर अडा हुआ है। दोनों पक्षों के अडियल रैयवा से चुनाव बाधित है। किसानों को हर साल नुकसान उठाना पड़ रहा है।व्यापार मंडल की फाइल कभी इस अधिकारी के पास कभी दूसरे अधिकारी के पास घूम ता रहता है।बताया जाता है की व्यापार मंडल की आडिट रिपोर्ट गायब कर दिया गया है । व्यापार मंडल के चुनाव बाधित होने से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
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