
ड्रैगन फ्रूट की कर रहे ट्रायल खेती, लॉकडाउन ने बंद किया काम तो ऑर्गेनिक खेती को बनाया रोजगार का जरिया
- रामजी गुप्ता, सहायक संपादक बिहार
- Apr 14, 2021
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कृषि विविधीकरण पर प्रशिक्षण ले अजय सिंह कर रहे उन्नत खेती।
कैमूर ब्युरो अशुतोष कुमार सिंह की रिपोर्ट
रामगढ़ (कैमूर) ll अगर दिल में हौसला और जुनून हो तो इंसान विपरीत परिस्थितियों में भी जीने की राह ढूंढ ही लेता है। कोरोना संक्रमण के इस दौर से भारत देश पिछले 1 साल से लड़ रहा है और अधिकांश लोगों को ड्रैगन नाम से नफरत हो गई है । लेकिन वही इस शब्द में कैमूर के रामगढ़ प्रखंड के रहने वाले एक युवक की जीवनशैली ही बदल दी। रामगढ़ प्रखंड के जंदाहा गांव के अजय सिंह के पिता हरिहर सिंह के चार पुत्रों में सबसे बड़े अजय सिंह एक निजी कंपनी में अच्छे पद पर कार्यरत थे कार्य के दौरान ही दिल्ली में रहने वाले अपने भाई संजय सिंह के यहां छुट्टियां मनाने पहुंचे जहां छोटे भाई ने उन्हें ड्रैगन फ्रूट क्या खिलाया बड़े भाई को एक नया मंजिल और रोजगार का नया जरिया दे दिया । तत्काल ही दोनों भाइयों ने गांव में मौजूद अपने दो भाइयों से वार्तालाप की और तैयार हो गई ड्रैगन फ्रूट की खेती की रूपरेख। अजय सिंह के छोटे भाई विजय सिंह पिछले कई सालों से जैविक खेती कर रहे हैं। आपसी सलाह के बाद पंजाब के एक बीज वितरक से बात हुई और शुरू हो गई एक उन्नतशील खेती की प्रक्रिया और 2 फरवरी 2020 को ड्रैगन फ्रूट का पौधारोपण किया गया।
ड्रैगन फ्रूट की खेती की विधि फायदा और कीमत के बारे में उत्साहित किसान अजय सिंह ने बताया कि आमतौर पर सिलीगुड़ी वह देश के बड़े शहरों में बिकने वाला यह फल गुलाबी व पीले रंग का होता है जो मुख्यतः वियतनाम और थाईलैंड से मंगाया जाता है भारत में इसका उत्पादन कम होने के कारण यह काफी महंगे दामों में बिकता है एक किलोग्राम फल की कीमत लगभग ₹600 से लेकर ₹800 तक होती है। इसकी खेती पूरी तरह जैविक एवं प्राकृतिक तरीके से की जाती है हमने इसमें जैविक खाद वर्मी कंपोस्ट का उपयोग किया है रसायनिक खादों का थोड़ा सा भी प्रयोग नहीं किया गया है। अभी फिलहाल प्रयोग के तौर पर 160 पौधों का रोपण 2 फरवरी 2020 को किया गया है जून-जुलाई माह में इन पौधों पर फूल आ जाएगा और 36 दिनों में फूल फल में परिवर्तित हो जाएगा। श्री सिंह ने बताया कि एक पौधे से लगभग 5 किलोग्राम फल का उत्पादन होता है। अगर इसके रोपण की बात करें तो कैक्टस प्रजाति का पौधा होने के कारण इनको कंक्रीट के खंभे के सहारे बड़ा किया जाता है। एक पौधा लगभग 20 से 25 साल तक उत्पादन के लिए क्षमता बान होता है और एक फल के वजन की बात करें तो 400 से 800 ग्राम तक एक फल का वजन होता है।
इसकी प्रजातियों के बारे में संजय सिंह ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट की 3 प्रजातियां होती हैं लेकिन सबसे अच्छी प्रजाति को बहुबरसी कहते हैं जिसका हम उत्पादन कर रहे हैं अगर इस फल के गुण की बात करें तो इस फल में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं इस फल में कैल्शियम फास्फोरस विटामिन ए और कैलोरी प्रचुर मात्रा में पाई जाती है जो दिल की बीमारी और मोटापा कम करने में काफी हद तक कारगर साबित हो सकती है सुखद परिणाम आने की उम्मीद में यह किसान आने वाले वक्त में इस फसल को बहुत बड़े स्तर पे उत्पादन करने की सोच पाले हुए हैं और साथ ही अन्य किसानों को प्रोत्साहन के साथ ही सब कुछ सिखाया भी जाएगा.....
रिपोर्टर