अतिक्रमण की भेंट चढ़ा गोड़सरा तालाब

नुआंव कैमूर से प्राची सिंह की रिपोर्ट

प्रखण्ड का गोड़सरा तालाब आज अतिक्रमण की भेंट चढ़ रहा है ।  पांच एकड़ रकबे के तालाब का दायरा दिनोदिन सिमटते जा रहा है। यद्यपि इस तालाब को अतिक्रमण मुक्त कराने हेतु न्यायालय का आदेश भी प्राप्त हो चुका है। अंचल द्वारा इसकी तीन तीन बार मापी भी हो चुकी है। फिर भी यह तालाब आज तक अतिक्रमण मुक्त नहीं हो सका। सरकार ने जल जीवन हरियाली योजना के तहत प्रखंड स्थित तालाब पोखर बावली इत्यादि को अतिक्रमण मुक्त कराने का आदेश दिया है। बढ़ते जल संकट को देखते हुए ऐसा होना आवश्यक भी है । भूजल स्तर दिन प्रतिदिन नीचे जा रहा है। यह भविष्य में गंभीर जल संकट का संकेत दे रहा है। मजे की बात तो यह है कि तालाब के अंदर तक लोग मिट्टी भर घर बना लिए हैं। यदि कभी अतिक्रमण मुक्त कराने का प्रयास किया जाता है तो स्थल पर उसे काफी विरोध का सामना करना पड़ेगा । राजनैतिक पहुंच के कारण अभी तक यह अतिक्रमण मुक्त नहीं हो सका है। यहां के अतिक्रमणकारी इतने चतुर हैं कि जैसे हीं किसी अपरिचित व्यक्ति की गतिविधियां उन्हें संदेहास्पद महसूस होती है तुरंत ही कोई न कोई उस व्यक्ति के पास पहुंच आता है और तरह तरह के सवाल करने लगता है। तालाब कब अतिक्रमण मुक्त होगा इसका जबाव किसी के पास नही है।

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