
जल जीवन हरियाली योजना के तहत किसानों को सिखाए गए खेती के नए गुर
- रामजी गुप्ता, सहायक संपादक बिहार
- Mar 02, 2021
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पर्यावरण अनुकूल कृषि हीं भविष्य की चुनौतियों से निपटने का है कारगर उपाय।
नुआंव कैमूर से प्राची सिंह की रिपोर्ट
स्थानीय प्रखंड के ई किसान भवन में जलजीवन हरियाली योजना के तहत ग्लोबल वार्मिंग से होने वाले जलवायु परिवर्तन तथा उसकी वजह से कृषि के समक्ष उत्पन्न संकट से बचने के कारगर तरीकों पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया । शिविर में कृषि विज्ञान केंद्र और पौधा संरक्षण केंद्र अधौरा के कृषि वैज्ञानिक डॉ नीरज कुमार चौधरी ने किसानों को कृषि के नए नए तरीके अपनाने पर जोर दिया । उन्होंने कहा कि भारत की अधिकांश जनसंख्या आज भी कृषि पर निर्भर है । कृषि का अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान है । ऐसे में यदि कृषि पर ध्यान नहीं दिया गया तो देश के आम जनमानस के साथ देश की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा । उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग और उससे उत्पन्न जलवायु परिवर्तन से देश की कृषि पद्धति में बदलाव की आवश्यकता है । आज भारतीय कृषि गंभीर संकट में है । इस संकट से निपटने के लिए हमें दोतरफा प्रयास करना होगा । एक तरफ हमें ग्लोबल वार्मिंग के उत्तरदाई कारकों पर नियंत्रण करना होगा तो दूसरी तरफ बदलते जलवायु के अनुकूल कृषि प्रणाली में बदलाव करना होगा । ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के लिए जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता कम करनी होगी ।बायोडिग्रेडेबल उत्पादों का उपयोग करना होगा ।खेती में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का प्रयोग कम से कम करना , अधिक मात्रा में वृक्षारोपण करना इत्यादि शामिल हैं । कृषि प्रणाली में हमे जलवायु अनुकूल उन्नत प्रभेदों के बीजों का प्रयोग करना होगा । नवीन तकनीकी जैसे जीरो टिलेज प्रणाली को अपनाना होगा । सिंचाई के लिए सूक्ष्म सिंचाई जैसे ड्रिप सिंचाई, स्प्रिंकल सिंचाई आदि का प्रयोग करना होगा । उर्वरक के रूप में जैविक खादों का प्रयोग करना होगा । कीटनाशक के लिए ऐसे उपायों को अपनाना होगा जिसमे पर्यावरण को नुकसान भी न हो और कीटों से मुक्ति भी मिल जाय ।इसके उदाहरण में उन्होंने कहा कि आलू की खेती में जगह जगह गेंदे का फूल लगाया जा सकता है । इससे कीट फूल की सुगंध की ओर आकर्षित होंगे जिससे आलू की खेती में लगने वाले कीटों से काफी हद तक राहत मिल सकती है । कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि जल जीवन हरियाली योजना के तहत जिले के सभी प्रखंडों में इस तरह का एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जा रहा है अब केवल दुर्गावती प्रखंड बचा है वहां भी शीघ्र प्रशिक्षण शिविर आयोजित होंगे । प्रशिक्षण शिविर में बीएओ जितेंद्र कुमार सिंह के साथ कई कृषि सलाहकार और क्षेत्र के किसान शामिल थे ।
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