
चलिए ढूंढ लाएं - डॉ एम डी सिंह
- एबी न्यूज, संवाददाता
- Nov 25, 2020
- 338 views
शहद की चासनी सी वो बातें कहाँ गईं
सुलाए सोती नहीं थीं जो रातें कहां गईं
लगा कर पीठ से पीठ बैठी हुईं कहानियां
भरी गीतों से डोलियां बारातें कहां गईं
हवाओं के भी बचाकर कान फुसफुसातीं वे
सुनसान जगहें, अनहद मुलाकातें कहां गईं
किधर बैठी हैं जा कर जरा देखो तो दोस्तों
हंसी की दिखती ना कहीं सौगातें कहां गईं
दिन भर घूमा करती थीं जो संग-साथ हमारे
उछल कूद से भरी वे खुराफातें कहां गईं
रिपोर्टर