पति-पत्नी के बीच प्यार के नियम

पवित्र अग्नि को साक्षी मानकर लिए गए सात फेरे जिंदगी का अहम हिस्सा होते हैं जिसमें प्यार, संयम, समझदारी के साथ जिंदगी भर साथ निभाने का वादा होता है। इसलिए अगर आप भी विवाह के पवित्र बंधन में बंधने जा रहे हैं  या विवाह के पवित्र बंधन में बंध गए हैं तो इन वचनों का खास ध्यान रखें ताकि रिश्तों में नयापन, प्यार और विश्वास ताउम्र बना रहे। हमेशा से ही सात वचनों को आध्यात्मिकता से परिपूर्ण और चिरायु प्रदान करने वाला मंत्र माना जाता रहा है, क्यों कि सात वचनों से अपने अंदर बड़े गूढ़, आध्यात्मिक दर्शन और पारलौकिक अर्थ छिपाए हुए हैं। इस पुण्य वचनों के साथ ही जुडी है सप्तपदी यानि दो आत्माओं के मिलन के लिए मांगी गई ईश्वरीय स्वीकृति। इस रीति के बिना विवाह संपन्न नहीं हो सकता क्यों कि जब तक वर-वधू ये सात फेरे नहीं लेते, विवाह अधूरा ही रहता है। सप्तपदी ही एक ऐसी रस्म है जहां साथ रखे हर कदम के साथ वर-वधू एक-दूसरे से सात जन्म तक का साथ साथ निभाने का वादा करते हैं, पर आज के बदलते परिवेश में ये सात वचन कब टूट जाते हैं पता ही नही चलता, इसलिए अगर आप चाहते हैं कि सात जन्मों का साथ वाकई सात जन्मों तक बना रहे तो सात फेरों के साथ जरूरी है इन बातों का ख्याल रखना ताकि आपके रिश्तों में प्यार की मिठास, खुशियां और चाहत बनी रहे। 


1- विश्वास - दाम्पत्य जीवन की अटूट कड़ी है विश्वास विश्वासों पर ही पति-पत्नी का रिश्ता टिका होता है, इसलिए इसमें शक को न लाएं क्योंकि अगर यह एक बार आ जाता है तो पूरी जिंदगी लग जाती है टूटी कड़ी जोड़ने में, इसलिए जरूरी है कि विश्वास की नींव हिलने न दें बल्कि इतनी मजबूत बनाएं कि प्रचंड आंधी भी इसे हिला न सके।


2- गृृहस्थी  - विवाह के बाद अपनी गृृहस्थी कि बचत व निवेश की योजनाएं बनाएं और इसके साथ फैमिली प्लानिंग भी करके चलें ताकि अनचाहे गर्भ से बचा जा सके और अपनी सुविधानुसार फैमिली बढ़ाई जा सके। 


3- नजर अंदाज -  कोई इंसान पूर्ण रूप से सही नही होता है, इसलिए एक-दूसरे में गलतियां न निकालें बल्कि गलतियों को सुधारने का अवसर दें। अपने प्यार में इतनी ताकत लाएं कि सामने वाला अपनी कमियों को आपके कहे बिना ही सुधार लें। 


4- उनकी पसंद ही अपनी पसंद -  उनकी पसंद के अनुरूप कार्य करें, मतलब ये नियम अपनाएं "जो तुमको हो पसंद वही बात कहेगें" फिर चाहे वह टीवी देखने का हो या फिर घूमने का, उनकी पसंद को अपनी पसंद बनाएं। 


5- हिसाब न मांगना -  अगर  जीवन साथी  खर्चीली प्रवृत्ति वाला है तो कोशिश करें कि खर्चे की सफाई ना मांगे, क्यों कि उनके अपने भी खर्चे होते हैं जिन्हें पूछना व बताना, झगड़े को बढ़ावा देने जैसा होता है, क्यों कि खर्चे करने का हक दोनों का होता है। 


6- उपहार -  एक-दूसरे को खुुशखबरी जरूर दें। पर झटके वाले ना हों, मतलब जिससे आपका बजट ना बिगडे और  आप का जीवन साथी सरप्राइज देखकर खुश हो जाए। 


7- समय -  आप चाहें कितने भी व्यस्त क्यों ना हों, लेकिन एक-दूसरे को समय जरूर दें क्यों कि कई बार समय की कमीं के कारण रिश्ते बिखरने लगते हैं, इसलिए अपने जीवन साथी के लिए समय जरूर निकालें।


8- कमियों को ध्यान न देना -  रिश्ते में एक-दूसरे के घर की कमियां जरूर गिनाई जाती हैं, इसलिए ऐसे समय पर बुराई तो करें पर बुराई को झगड़े का रूप ना दें। बिती बातों को ना दुहराए जो बीत गया सो बीत गया। इस बात का ध्यान रखें।


9-माफी  मांगना -  गलती होने पर माफी जरूर मांगे, क्यों कि  माफी  मांगना बुरी बात नहीं है और ना ही माफ करना मुश्किल काम है,साथ ही माफी मांगने से झगड़ा आगे नही बढता, इसलिए माफी मांगने में कंजूसी ना करें। 


10- दूरी बनाए रखें -  कहते हैं रिश्ते में दूरी जरूरी होता है क्यों कि दूरी से प्यार झलकता है। इसलिए अपने रिश्ते में थोडी दूरी बनाए रखें ताकि आपको उनकी कमी का एहसास होता रहे। 


11-प्यार में सहमति -  काम (सेक्स)  दाम्पत्य की धुरी है इसलिए इसे अनदेखा ना करें और हर रोज इसमें कुछ नया करने की कोशिश करें। पर जो भी क्रिया करें उसमें जीवन साथी की रजामंदी जरूर होनी चाहिए।


12-ईमानदारी -  अपने जीवन साथी के लिए हमेशा ईमानदार रहें और   कोई भी ऐसी बात ना छुपाएं जो बाद में पता चलने पर दिल को ठेस पहुंचाए। 


13-विचार विमर्श -  घर का फैसला हो या फिर अपने लिए कोई भी फैसला अकेले ना लें, बल्कि एक-दूसरे के बात- विचार से ही फैसला करें। 


14-खुशियां -  कहते हैं कि खुशियां हमारे आस-पास ही होती हैं,बस उन्हें ढूंढने की जरूरत होती है इसलिए जीवन के हर पल एक दुसरे में खुशियां ढूंढे।


15- एक दूसरे को समर्पित -  पति-पत्नि का रिश्ता एक दूसरे के लिए समर्पित होता है,इसलिए अगर आपको लगता है कि आपके जीवन साथी व घर के लोगों की जिसमें खुशी है वो आपसे ही पूरी हो सकती है तो उसके लिए कुर्बानी देने में जरा भी संकोच ना करें। 


16- एक दूसरे की बड़ाई -  अपने जीवन साथी की खूबियों की तारीफ करें और इस तारीफ को हो सके तो घर वालों के सामने भी करें इससे उसका आत्म-विश्वास बढता है। 


17- एक दुसरे को धन्यवाद -  धन्यवाद शब्द जादू का काम करता है, इसलिए अगर आपके  जीवन साथी ने आपके घर व आपके लिए कुछ किया है तो धन्यवाद  जरूर कहें। आपके द्वारा कहा गया धन्यवाद उनको कितनी खुशी देगा उसका अंदाजा आप नहीं लगा सकते हैं। 


18- गलती स्वीकार करना -  कभी-कभी हार मान लेना गलत नहीं होता है, इसलिए अगर आपकी गलती नहीे है तो भी गलती मान लें। आपका ये  विचार  देखकर वो आपके आभारी हो जाएंगे। 


19- बहस ना करना -  अगर किसी बात को लेकर बहस हो रही है तो उस बात का बतंगड़ ना बनाएं बल्कि तुरन्त खत्म करने की काशिश करें। 


20- एक दूसरे को मौका दें -  माना आपकी शादी हो गई है और आप चाहते हैं कि आपका साथी हमेशा आपके साथ रहे तो इस जिद को छोड़ें और उन्हें दोस्तों के साथ घूमने का मौका भी दें।


 21-बातेें सिर्फ प्यार कि - अगर आपका किसी बात पर अपने जीवन साथी से झगड़ा हो गया है तो बिस्तर पर जाने से पहले झगड़े को खत्म कर लें ताकि बिस्तर पर बातें हों तो सिर्फ प्यार की। 


22-  शौक को पूरा करना -  शादी के बाद अगर आपके जीवन साथी का कोई शौक पूरा नहीं हो पाया हैे तो उसे पूरा करने का मौका व सहयोग दें और उसके शौक व चाहतह को बरकरार रखें। शौक को पूरा करने में मददगार बनें न कि रूकावट।


23- चाहत कोई - अगर आपकी कोई चाहतह है तो उसे जीवन साथी को बताएं ना कि चाहत को चाय के प्याले के साथ उसे परोसें। 


24- पुुुरानी यादों  को संजोना -  शादी के बाद डेटिंग जैसी चीजों को खत्म ना करें बल्कि मौका मिलते ही डेटिंग पर जाएं ताकि पुरानी यादें ताजा हो जायेें।


25- मैं सिर्फ तुुम से प्यार करता हूं - 'मैं तुम्हें प्यार करता हूं' ये तीन शब्द सारे गुस्से और झगड़े को खत्म कर देता है इसलिए इसे कहने    से ना रूकें। 


26- आत्म  विश्वास बढ़ाना - अगर आपके जीवन साथी ने कुछ नया किया है तो उसे  शाबाशी जरूर दें,उससे उसका हौसला बढता है।


27- घमंड ना करना -  माना घमंड इंसानी व्यक्तित्व का गुण है,जो समाज में आपकी पहचान के साथ अपने आप विकसित होने लगता है, पर इसका मतलब ये नहीं कि रिश्ते में भी घमंड लाएं। 


28- शब्दों पर ध्यान देना -  आपसी तालमेल के दौरान हमेशा अदब व शिष्टाचार रखें। कभी भी अपशब्द का प्रयोग ना करें। तर्क-वितर्क करते समय अपना संयम ना खोएं। 


29- धमकी ना देना - बार-बार अपने जीवन साथी को छोड़ देने की धमकी ना दें , इससे रिश्ते की डोर कमजोर होती है।


 30-  प्रेम को बढ़ाना - आमतौर पर ये माना जाता है कि शादी के बाद प्रेम और परिपक्व हो जाता है, इसलिए प्रेम को और बढाएं ना कि कम होने दें। 


31- एक दूसरे का सम्मान -  एक -दूसरे को सम्मान दें, क्यों कि आपके द्वारा दिया गया सम्मान तीसरे की नजर में भी आता है, इसलिए गरिमा बनाए रखें। 


32- एक-दूसरे कि प्रसंसा -  विवाहित जीवन का भविष्य बनाने के लिए जरूरी है कि दोनों एक-दूसरे के प्रशंसनीय बातों पर ध्यान दें।जिससे अपना विवाहित जीवन सुखमय बना रहे।                                                   एस.एस.पी.बी.सी.

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