प्यार का एहसास

आंखों ने आंखों में ही 

जाम घोली रातभर

चांद को पाने की कोशिश में 

खोली खिड़की रातभर

मिलन सेज पर मैंने जब उसका 

आमंत्रण स्वीकार किया

मैं भी मौंन वो भी मौंन दोनों ही मौंन

चुड़ी बोली रात भर

इस दिल के मन मंदिर में आज अच्छि खुशबू है।

कहीं मोंगरा कहीं चमेली कहीं गुलाबी खुशबू है।

मैं भी मंहका वो भी मंहकी पर 

हम दोनों को मालूम नहीं कि

उसमें मेरी खुशबू है या उसकी मुझमें खुशबू है।

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