
जल के लिए जनता बेहाल जनप्रतिनिधि कब करेंगे ख्याल
- एबी न्यूज, संवाददाता
- Jun 09, 2022
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कुमार चन्द्र भूषण तिवारी
कुदरा(कैमूर) ।। प्रखंड अंतर्गत सकरी पंचायत के सकरी गांव वार्ड नंबर नौ वार्ड वासियों का कहना है, कि बिहार सरकार के सप्त निश्चय योजना के अंतर्गत नल तो लगा है, पर जल का ठिकाना नहीं है। टंकी पानी टंकी प्रदर्शनी का वस्तु बनकर रह गया है।जब से टंकी लगा है दस दिन पानी मिलता है, तो बीस दिन गायब रहता है। अभी लगातार दो महीने से इस तपती गर्मी में भी जल नहीं मिल पा रहा है। जिसके वजह से जल के लिए वार्ड वासियों को जगह-जगह भटकना पड़ रहा है। जब इस संदर्भ में वार्ड के वार्ड सदस्य कमलेश यादव से बात किया गया, तो उनके द्वारा बताया गया, कि मोटर खराब है, बनवाने के लिए दिया गया है और इसको तत्काल सुचारू रूप से प्रारंभ किया जाएगा। प्रखंड के जीपीएस से भी इस संदर्भ में बात किया गया, उन्होंने कहा कि इस बात की जानकारी हमें नहीं है, पर कल जेइ साहब के आते ही हम इसकी निगरानी करवाएंगे। इस संदर्भ में पंचायत के मुखिया धनजीत चौधरी से भी बात किया गया, तो उनके द्वारा आश्वस्त किया गया कि 24 घंटे के अंदर जलापूर्ति सुचारू रूप से प्रारंभ कर दिया जाएगा।वार्ड वासियों का दूसरा शिकायत था, कि कुंआँ का जीर्णोद्धार कराया गया ऊपर से टेंट पेंट भी कर दिया गया है, स्लोगन लिखवा दिया गया है कि जल ही जीवन है।पर कुंआँ के अंदर जल का ठिकाना ही नहीं तो जीवन कहां से व्यतीत होगा। इस संदर्भ में मौके पर पहुंचकर पंचायत के मुखिया धनजीत चौधरी द्वारा बताया गया, कि इस कार्य को ठेकेदार के माध्यम से कराया जा रहा है, ठेकेदार कार्य अधूरा छोड़कर चला गया है।जिसके वजह से उसका पेमेंट भी अभी रोका गया है।तत्काल ही इस पर करवाई किया जाएगा और कार्य प्रारंभ किया जाएगा। उक्त स्थल पर वार्ड वासी उपेंद्र पासवान, बादल कुमार, अभिषेक खरवार, संटू कुमार, शांति देवी, रीना देवी, मंजू देवी, बबलू डोम के साथ ही वार्ड के तीन दर्जन से अधिक लोग उपस्थित रहें। अब देखना यह है कि पंचायत के मुखिया एवं वार्ड सदस्य कहां तक वार्ड वासियों के समस्याओं पर ध्यान देते हैं। ऐसे कुंआँ का मामला प्रखंड के किसी एक जगह का नहीं है। प्रखंड में जहां कहीं भी कुंआँ का जीर्णोद्धार हुआ है, जीर्णोद्धार के राशि निकासी करने के बावजूद भी प्रखंड के किसी भी कुंआँ में जल का ठिकाना नहीं है। जबकि बड़े बड़े अक्षरों में लिखा है, जल जीवन हरियाली। जब जल होगा ही नहीं तो जीवन में हरियाली कहां से आएगा, यह विचार करने का विषय है।
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