
कविता - ढहते निर्माणों का चित्कार
- एबी न्यूज, संवाददाता
- Apr 21, 2022
- 483 views
--------डॉ एम डी सिंह
ढहते निर्माणों का चित्कार युद्ध है
हमलावर क्रोध का प्रतिकार युद्ध है
ध्वस्त हुईं संवेदनाओं के मलबे पर
खड़ा हो दुनिया का धिक्कार युद्ध है
मर रही मनुष्यता के पार्श्व बैठ कर
सर पीट चिन्ता का विस्तार युद्ध है
मिल गए हठात अथवा तप कर पाए
अमानवीय बल का अहंकार युद्ध है
अनियन्त्रित हो रहीं दानवी इच्छाओं
के समक्ष झुकने से इन्कार युद्ध है
रिपोर्टर