वार्ड अधिकारी की कथनी और करनी में फर्क

अनाधिकृत निर्माण को बचाने के चक्कर में पुलिस पर ढकेला जा रहा है मामला


डीसीपी परिमंडल 3 नें स्पष्ट किया कि पुलिस बल उपलब्ध व तत्पर


कल्याण ।। कल्याण डोंबिवली मनपा का बेलगाम कारोबार लगातार जारी है, अधिकारी व कर्मचारी द्वारा एक दूसरे के पास कागजी घोड़ा दौड़ाने का सिलसिला जारी है वहीं अनाधिकृत बांधकाम के ऊपर कार्यवाही के संबंध में पुलिस प्रशासन द्वारा संख्या बल उपलब्ध न कराने का ठीकरा फोड़ा जा रहा है। कल्याण परिमंडल 3 के डीसीपी नें वार्ड अधिकारी की बातों को गलत बताते हुए स्पष्ट किया कि मनपा द्वारा कार्यवाही के लिए जब भी पुलिस बल मांगा गया उसे उपलब्ध कराया गया है तथा पुलिस के पास संख्या बल की कोई कमी नही है। मनपा जब भी मांग करेगी पूर्ण पुलिस बल दिया जाएगा।

कल्याण पूर्व में जे प्रभाग के अंतर्गत दुर्गा माता मंदिर परिसर में एक आरसीसी हाल का अनाधिकृत रूप से बिना प्लान के निर्माण किया जा रहा था जिसकी शिकायत निर्माणाधीन अवस्था में अगस्त माह में की गई थी, मनपा के तत्कालीन वार्ड अधिकारी वसंत भोंगाड़े द्वारा इसे बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किया गया जब उन पर कानूनी कार्यवाही की शिकायत हुई तो उनका केवल स्थानांतरण कर दिया गया। अधिकारी व कर्मचारियों की शिकायत पर मनपा के सामान्य प्रशासन द्वारा अब तक किसी भी अधिकारी व कर्मचारी पर कार्यवाही न करते हुए केवल कागजों को गलत जगह भेज कर शिकायत का निबटारा नही किया जा रहा है।

वर्तमान वार्ड अधिकारी हेमा मुंबरकर को अनाधिकृत निर्माण के संबंध में की गई कार्यवाही के बारे में पूंछने पर उन्होंने कहा कि उनके द्वारा इस अनाधिकृत निर्माण पर कार्यवाही के लिए दो बार पुलिस को पत्र भेजा जा चुका है तथा शुक्रवार को उन्होंने बताया कि पुलिस बंदोबस्त के लिए वह परिमंडल 3 के पुलिस उपायुक्त सचिन गुंजाल को मिली तथा उनके द्वारा पर्याप्त पुलिस बल की अनुपलब्धता को बताया गया। इस संबंध में परिमंडल 3 के डीसीपी संजय गुंजाल को पूंछे जाने पर उन्होंने बताया कि उनकी वार्ड अधिकारी हेमा मुंबरकर से कोई मुलाकात नही हुई है तथा मनपा द्वारा जब भी पुलिस बल इस समय मांगा जा रहा है उसे उपलब्ध कराया जा रहा है तथा किसी भी तरह से पुलिस बल की कमी नही की जा रही है। 

इस बात से अवगत कराने तथा वार्ड अधिकारी हेमा मुंबरकर की प्रतिक्रिया जानने के लिए कई बार प्रयास करने तथा संदेश भेजने के बावजूद उन्होंने फोन नही उठाया। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि अनाधिकृत निर्माण के खात्मे के लिए मनपा के अधिकारी कितना संवेदनशील हैं। यही नही पिछले छह महीने के भीतर इस अनाधिकृत निर्माण के बारे में विभागीय उपायुक्त (इस पद का निर्माण ही अनाधिकृत निर्माणों के रोकथाम के लिए हुआ है) सुधाकर जगताप, अतिरिक्त आयुक्त सुनील पवार तथा मनपा के सर्वेसर्वा आयुक्त डॉ. विजय सूर्यवंशी के संज्ञान में लाने के बावजूद अब तक मनपा द्वारा संज्ञान नही लिया जा रहा है तथा बहानेबाजी जारी है। अधिकारियों द्वारा कैसे शिकायत कर्ताओं को बरगलाने का कार्य किया जाता है यह सार्वजनिक तौर पर स्पष्ट है। इसी तरह की लापरवाही का नतीजा है कि बाजारपेठ पुलिस में 5 पूर्व आयुक्त समेत 18 लोगों पर न्यायालय के आदेश के बाद 27 जनवरी को मामला दर्ज किया गया है।

शिवसेना द्वारा सांसद का फोटो लगाकर अनाधिकृत निर्माण के संरक्षण के लिए किया गया कार्यक्रम 

वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि गत 26 जनवरी को कल्याण के सांसद श्रीकांत शिंदे का फोटो लगाकर यहां शिवसेना के एक नेता द्वारा कार्यक्रम करके यह दर्शाने की कोशिश की गई कि इसे सांसद का संरक्षण प्राप्त है तथा इस पर कार्यवाही नही होनी चाहिए वहीं इस नेता पर लोगों का यह भी आरोप है कि उक्त निर्माण को बचाने के लिए अवैध निर्माणकर्ता के साथ कुछ आर्थिक व्यवहार किया गया है।

रिपोर्टर

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