सौरभ के नए पैंतरे से जिले की सियासत गरमाई सपा प्रमुख से मुलाकात, भाजपा में मची खलबली

प्रतापगढ़. भाजपा के फायर ब्रांड नेता रहे पूर्व विधायक बृजेश मिश्र सौरभ के पिछले दिनों सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ हुई मुलाकात के बाद भाजपा में खलबली मच गई है. वहीं जिले में सियासी पारा बढ़ भी गया है. सोशल व प्रिंट मीडिया, टीवी चैनलों पर इन दिनों सौरभ के साइकिल सवारी की खबरें काफी छाई हुई है. सोशल मीडिया में सपा प्रमुख के साथ सौरभ की मुलाकात की वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं. इसी वीडियो में सपा प्रमुख अखिलेश यादव को पूर्व विधायक सौरभ धार्मिक पुस्तक गीता भेंट करते हुए दिखाई दे रहे हैं. साथ में सपा के कद्दावर नेता मनोज पांडे सहित अन्य नेता दिखाई दे रहे हैं.

*सपाई भी सकपकाए*

 पूर्व विधायक के इस नए पैंतरे से भाजपा के साथ सपाई भी चौक गए. हालांकि मेडिकल कॉलेज के नामकरण को लेकर विवाद के घेरे में आए बृजेश सौरभ ने उसी समय संकेत दे दिया था कि उनका जल्द ही भाजपा से नाता टूटने जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक बृजेश मिश्र काफी समय से सदर विधानसभा सीट से भाजपा से लड़ने का मन बनाए हुए थे, लेकिन भाजपा ने इनकी हर चुनाव में उपेक्षा की. भाजपा में हो रही उपेक्षा से आहत सौरभ ने सपा का दामन थामने का मन बनाया. इसमें सपा नेता व पूर्व मंत्री मनोज पांडे ने बृजेश सौरव का साथ दिया.

*भाजपाइयों की उड़ी नींद*

अब सपा में उनकी इंट्री के संकेत से भाजपा के नेताओं की नींद उड़ गई है,  क्योंकि सौरभ ब्राह्मणों का सम्मानीय चेहरा बन चुके हैं. यदि सौरभ का संकेत यकीन में बदल गया तो भाजपा को बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है. सवाल उठता है कि सौरभ को क्या सपा  सदर विधानसभा से बतौर प्रत्याशी उतारने जा रही है. सपा मुखिया अखिलेश यादव के साथ वायरल फोटो ने कई नेताओं के अंदर बेचैनी पैदा कर दी है. सदर विधानसभा के लिए वर्ष 2019 हुए उपचुनाव में अपना दल भाजपा गठबंधन के प्रत्याशी राजकुमार पाल जीते थे. वहीं दूसरे स्थान पर सपा रही. इस मामले में सपा के जिला महासचिव अब्दुल कादिर जिलानी  कहते हैं कि बृजेश मिश्रा के सपा में शामिल होने की उन्हें कोई जानकारी नहीं है. भाजपा जिला अध्यक्ष हरि ओम मिश्र ने इस बात से अनभिज्ञता जता कर पल्ला झाड़ लिया.

*भाजपा में मेरी सच्ची सेवा की अनदेखी*

वहीं पूर्व विधायक बृजेश मिश्र सौरभ कहते हैं कि उन्होंने सपा मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात की. उनका साथ मिल गया है. अब समय बताएगा कि उन्हें क्या जिम्मेदारी दी जाएगी. सौरभ का कहना है कि भाजपा में उनकी वर्षों की सच्ची सेवा की अनदेखी की गई. ऐसे में उन्हें इस पार्टी को छोड़ने के लिए मजबूर किया गया. सौरभ के अनुसार ब्राह्मण चेहरे के रूप में महेंद्र पांडेय एवं अन्य लोगों को उतारना चाहती है, लेकिन जिले में इनका कोई वजूद नहीं है.

रिपोर्टर

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