जन्मदिन विशेष - ऐसे ही हैं पिंटू भईया

कल्याण डोम्बिवली क्षेत्र के लगभग सभी उत्तर भारतीय जो कि सामाजिक हैं पिंटू भईया से शायद जरूर परिचित होंगे क्योंकि उनका स्वभाव ही ऐसा है कि कोई उनसे बिना परिचित हुए बाकी नही रह सकता। यहाँ तक कि शायद आपको पता ना हो कि आपके गांव व क्षेत्र का नजदीकी व्यक्ति कौन है लेकिन वह भलीभांति यह जानते हैं कि किसके गांव किसके क्षेत्र के नजदीक का कौन सा व्यक्ति कहाँ रहता है और कौन है। आज उनके जन्मदिन के अवसर पर विभिन्न व्यक्तियों द्वारा उन्हें तरह तरह की उपाधियों से विभूषित किया जा रहा है जिसका कारण यह है कि लोगों ने जरूर कुछ न कुछ लाभ उनसे हासिल किया है। मैं स्वयं भी अछूता नही हूँ क्योंकि तमाम ऐसे लोग भी मेरी फेहरिस्त में हैं जिनसे मैं पिंटू भाई के माध्यम से मिला हूँ।


जौनपुर जिले के बदलापुर तहसील के निकट धनियामऊ गांव के निवासी अरविंद मिश्रा उर्फ पिंटू भईया ने जब मुम्बई में कदम रखा तब से ही समाज के लिए किसी ना किसी तरह से समर्पित हैं मार्केटिंग से अपने व्यावसायिक जीवन की शुरुवात करने के बाद पत्रकारिता में दिलचस्पी होने के कारण उसमें सक्रिय हो गए और बाद में विज्ञापनों की मार्केटिंग करने लगे। आज के समय मे सीमेंट, ट्रांसपोर्ट व अन्य व्यवसायों के साथ जीवन यापन कर रहे हैं।यदि इन्हें यह मालूम चल गया कि उनके किसी परिचित के माध्यम से आप का कुछ काम सफल हो सकता है तो अहर्निश वह उसमें लग जाते हैं बहुत ही विरले लोग ऐसे स्वभाव के होते हैं जो दूसरों के काम की सफलता के लिए अपना समय देते हैं और उनमें से एक हैं पिंटू भईया। आज कई बिल्डर, व्यवसायी, कई विवाहित जोड़े, गायक, पत्रकार, मेडिकल फील्ड से जुड़े लोग, सामाजिक संस्थाएं, राजनीतिज्ञ पिंटू के अथक प्रयास से जीवन यापन कर रहे हैं। इतना होने के बावजूद किसी की बात को दिल से बुरा ना मानने की कला उनके कद को बड़ा करती है। कोई भी बात जो उन्हें बुरी लगी वह सामने वाले व्यक्ति के मुंह पर कह देने में कोई संकोच नही करते भले ही वह बात बहुत ही छोटी ही क्यों ना हो।तमाम लोगों ने उनकी सरलता का लाभ उठाकर उनके साथ धोखाधड़ी भी की, कुछ लोग उनके द्वारा दिलाए गए पैसे भी लेकर भाग गए लेकिन अपनी प्रतिष्ठा के कारण वह भगोड़े लोगों का पैसा भी खुद भर रहे है यह दर्शाता है कि पिंटू भईया खुद परेशान रहकर भी किसी के साथ धोखाधड़ी नही कर सकते।

ऐसा नही की कई गुणों से सम्पन्न व्यक्ति किसी दोष से परे हो कुछ दोष इनमें भी हैं जिन्हें यह खुले दिल से स्वीकार करने में भी गुरेज नही करते। दोष यह हैं कि बढे हुए मधुमेह के बाद भी यदि कहीं इन्हें खाने पीने की अच्छी चीजें दिख गयीं खास कर वड़ा पाव तो यह अपने स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर उसे खाने से नही चूकते साथ ही पूरे मुम्बई में कहाँ खाने का कौन सा सामान प्रसिध्द है यह उन्हें भलीभांति पता रहता है। बातों को न पचा पाना भी एक दुर्गुण है ( शायद यह लिखने के बाद मुझे भी गाली सुननी पड़े) लेकिन आलोचना का मतलब गुण दोष दोनों होता है जिसे लिखने में मैं समझौता नही कर सकता। दुश्मनों से भी सरलता के साथ अभिवादन कर उन्हें सम्मान देने की प्रेरणा कोई इनसे सीख सकता है। कोई व्यक्ति दोष से परे नही है लेकिन उसे मान लेना भी एक गुण है जिसे आंगीकर जरूर करना चाहिए। यही सब ऐसे गुण हैं जिसकी वजह से मुम्बई व उपनगरों से आज उन्हें जन्मदिन की बधाईयों का तांता लगा हुआ है। हद से ज्यादा किसी के प्रति भावुक हो जाना ही पिंटू भईया को कई परेशानियों से भर देता है। जन्मदिन पर यह उनसे गुजारिश है कि वह अति भावुक ना हुआ करें बल्कि कहीं कहीं दिमाग का भी प्रयोग दिल से ज्यादा करें।

अंत मे मैं अपनी शुभकामनाएं पिन्टू भईया को देता हूँ कि आपके पास कभी कोई विघ्न बाधा ना फटके, आप स्वस्थ रहें परिवार व समाज मे मस्त रहें, लोगों के प्रति आपकी सकारात्मक सोच बनी रहे और ऐसे ही लोगों की सहायता करते रहें, आपको मुसीबत में डालने की सोच रखने वालों को भगवान सदबुद्धि दे, आप समाज को नए बिल्डर, राजनैतिक व्यक्ति, कलाकार, पत्रकार देते रहें साथ ही निवेदन भी की स्वास्थ्य, परिजनों व शुभचिन्तको का ध्यान रखते हुए वड़ा पाव, पानी पूरी , सूप आदि से बचें। प्रगति व ऐश्वर्य आप के कदम चूमे। भगवान धन धान्य व चिर यौवन से आपको परिपूर्ण रखें। हार्दिक शुभकामनाएं।


अरविंद मिश्रा

रिपोर्टर

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