जनविरोधी योगी मोदी सरकार सच का सामना करने से डरती है - चन्द्रमणि पाण्डेय

@देव प्रताप सिंह

बस्ती यूपी 

आज अपनी पांच सूत्रीय मांगों  एस.सी.,एस.टी.एक्ट,बीडी बांध व ठोकर का पक्का निर्माण,सहित जनहित की मांगों को लेकर केन्द्र व प्रदेश सरकार को जनविरोधी व डरपोक बताते हुए समाज हित में निरन्तर विभिन्न माध्यमों से सरकार व प्रसासन की विफलता के खिलाफ संघर्षरत वरिष्ठ समाजसेवी सुदामा के नाम से चर्चित चन्द्रमणि पाण्डेय  प्रातः दस बजे हर्रैया मनवर तट से अपने हजारों समर्थकों के साथ पैदल मार्च करते हुए ।


 उपजिलाधिकारी कार्यालय हर्रैया ज्ञापन व चूडी लेकर पहुंचे व सभा को सम्बोधित करते हुए केन्द्र व प्रदेश सरकार को सत्ता का स्वार्थी जनविरोधी व डरपोक बताते हुए श्री पाण्डेय ने कहा कि जो सरकार जनहित राष्ट्रहित के मांगों का निराकरण कौन कहे वार्ता तक करने से पीछे हट रही है उसे अपनी लाचारी चूडी पहनकर प्रदर्शित करनी चाहिए अथवा अपना पद छोड देना चाहिए। उन्होने कहा खेद का विषय है कि भ्रष्टाचार का खत्म करने व रोजगार देने  वाली सरकार में या तो परीक्षा के पूर्व पेपर लीक हो रहा है या परीक्षा कापी जलाई जा रही है। समानता की बात करने वाली सरकार के मुखिया के सामने ही पूर्व में घर कटने से बेघर हुए चांदपुर के लोगों को आवास कौन कहे बाढ की समस्या समाधान हेतु पक्के बांध व ठोकर निर्माण तो दूर  एक दाना तक राहत नहीं दिया गया। मंहगाई चरम पर है जिस पेट्रोलियम का दाम पचास पैसा व एक रुपया प्रतिमाह बढता था आज पांच पांच रूपया एक साथ बढ रहा है ।सरकार अपनी नाकामी छुपाने हेतु समाज में कटुता का बीज बो रही है एस.सी.,एस.टी.के जरिये निर्दोषों को जेल भेज रही है ऐसे में बाढ पीडितों की रक्षा तो दूर वार्ता से भी पीछ हटने वाली प्रदेश सरकार व नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा में असफल योगी मोदी सरकार को या तो पद त्याग देना चाहिए अथवा चूडी पहन अपनी बेबसी व लाचारी प्रदर्शित करना चाहिए श्रीपाण्डेय की प्रमुख मांगें निम्नवत हैं  ।


1- संविधान की मूल भावना (सर्वे भवंतु सुखिना सर्वे संतु निरामय:) के क्रम में नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन करने वाले संशोधित एससी एसटी एक्ट को वापस लेते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय का सम्मान करें अथवा एक्ट का दुरुपयोग रोकने हेतु  यह प्राविधान करें कि यदि जांच उपरांत आरोप गलत पाया जाता है तो आरोपित व्यक्ति को मान सम्मान की हुई क्षति हेतु क्षतिपूर्ति 1000000 रुपए  मिलें व आरोप लगाने वाले को 10 वर्ष का कठोर कारावास ताकि एक्ट का दुरुपयोग न हो ।

2-पूर्वांचल की विशेषकर बस्ती जनपद की सबसे बड़ी समस्या बाढ व कटान के स्थाई समाधान हेतु विशेष बजट आवंटित करके पक्के बांध का निर्माण व नदी तट पर बसे गांव में ठोकर व रिंग बांध बनाए जाएं व झोपडी में निवास कर रहे परिवारों को आवास मिले ।

3-किसानों की दशा सुधारने हेतु किसानों को खाद बीज बिजली पानी निःशुल्क मिले अथवा स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू हो खेद का विषय है कि सत्ता में कर्ज माफी के नाम पर आई सरकार जहां के. के. सी. भी किसानों का माफ नहीं कर पाई वहीं किसानों के निजी नलकूपों का बकाया बिल भी नहीं माफ हुआ ।

4-देश में एक समान शिक्षा चिकित्सा नीति लागू कर निजी विद्यालयों व चिकित्सालयों के कर्मचारियों को भी समान वेतन भत्ता प्रदान कर सब को स्वतंत्रता पूर्वक निःशुल्क शिक्षा चिकित्सा की व्यवस्था प्रदान करते हुए सभी कर्मचारियों को पेंशन दें अथवा जनप्रतिनिधियों का भी पेंशन भत्ता भी बंद हो खेद का विषय है एक से आठ तक के नौनिहालों का छात्रवृति तो बंद है किंतु माननीयों की सुख सुविधा नहीं ।

5-नेशनल हाईवे पर यातायात की सुविधा हेतु स्थापित सभी टोल बैरियर या तो हटाये जायें या फिर प्रमुख चौराहों पर अंडरपास बनें  व सड़कें गड्ढा मुक्त हों तथा सड़क अथवा अंडर पास के अभाव में होने वाली दुर्घटनाओं की क्षतिपूर्ति मिले जैसा कि पूर्व में सड़क परिवहन मंत्रालय ने स्वीकार भी किया है किंतु आज तक प्रतिपूर्ति हेतु कोई कदम नहीं उठाया गया।

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