गर्मी आई

कवि डॉ एम डी सिंह
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ले लस्सी कुल्फी रसमलाई 
लो गर्मी आई गर्मी आई

स्वेटर छोड़ो कोट निकालो
बॉक्स में रक्खो गोली डालो 
माँ को दे ताले की चाबी 
गर्म कपड़ों से छुट्टी पालो 

चादर आया गई रजाई
लो गर्मी आई गर्मी आई

कोरोना घर पर पढ़ा गया
ऑनलाइन क्लास चला गया
माँ पापा संग बच्चे तैयार
इम्तिहान नजदीक आ गया

अब होने को खतम पढ़ाई
लो गर्मी आई गर्मी आई

आम जल्दी ही आने वाला
तरबूजा ललचाने वाला
खीरा ककड़ी और खरबूज 
कौन नहीं है खाने वाला

परी लीची देख ललचाई
लो गर्मी आई गर्मी आई

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