अत्यंत धूमधाम व विशेष हर्षोल्लास के साथ मनाया गया गणतंत्र दिवस का राष्ट्रीय पावन पर्व

जौनपुर सुइथाकला - जनपद के विकासखंड सुइथाकला अंतर्गत एसबीडी गुरुकुल एवं विधि महाविद्यालय दुमदुमा ऊंचगांव में देश का 72 वां गणतंत्र दिवस अत्यंत धूमधाम व विशेष हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।  इस राष्ट्रीय पावन पर्व के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दीवानी न्यायालय के विशेष लोक अभियोजक ( पाक्सो) राजेश उपाध्याय ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलन करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्य अतिथि ने देश के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के प्राणों की आहुति दे कर देश को स्वतंत्र कराने में अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले अमर शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज हमारा देश पूर्ण रूप से स्वतंत्र होकर एक संप्रभुता संपन्न देश है जिसका अपना संविधान है और भारत देश के हर नागरिक संविधान द्वारा प्रदत्त संवैधानिक अधिकारों के तहत संविधान के नैतिक मूल्यों के साथ देश में रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह स्वतंत्रता हमारे देश के अमर स्वतंत्रता सेनानियों चंद्रशेखर आजाद, शहीद भगत सिंह, महात्मा गांधी ,सरदार वल्लभभाई पटेल ,रानी लक्ष्मीबाई, सुखदेव ,राजगुरु, बटुकेश्वर दत्त जैसे मां भारती के तमाम अमर सपूतों के बलिदानों का प्रतिफल है।हमें अपने देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि तुलसीराम तिवारी ने भी अमर शहीदों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हमारा देश गुलामी की बेड़ियों से जकड़ा हुआ था और किसी भी प्रकार की स्वतंत्रता हमें नहीं प्राप्त थी। न हम स्वतंत्र रूप से शिक्षा ग्रहण कर सकते थे, मताधिकार का प्रयोग भी नहीं कर सकते थे, किसी धर्म को अंगीकार नहीं कर सकते थे और किसी भी प्रकार की स्वतंत्रता हमें प्राप्त नहीं थी किंतु देश के महान सपूतों के बलिदानों की देन है जिससे हम आज स्वस्थ वातावरण में स्वतंत्र रूप से रह रहे हैं। महाविद्यालय के विधि प्राध्यापक मनोज मिश्रा ने संविधान की प्रस्तावना, मौलिक अधिकारों और कानून से संबंधित तमाम जानकारियों को साझा करते हुए स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को नमन किया। महाविद्यालय के छात्रों एवं छात्राओं द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। एसबीडी गुरुकुल एवं विधि महाविद्यालय के प्रबंधक डॉ उमेश चंद्र तिवारी ने देश की पूर्ण स्वाधीनता का श्रेय देश के शहीदों को देते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि देश के शहीदों द्वारा ही हमारा देश स्वतंत्र हुआ और 26 जनवरी सन 1950 को पूर्ण रूप से गणतंत्र हुआ। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से शरीर विभिन्न तंत्रो व अंगों से कार्य करता है ठीक उसी प्रकार देश की व्यवस्था को चलाने के लिए एक कानून, तंत्र, सिद्धांत की आवश्यकता थी जिसको देश के शहीदों द्वारा बहुत बड़ी शहादत देने के बाद स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद 26 जनवरी सन 1950 को भारत में संविधान लागू हुआ। हम प्रतिवर्ष गणतंत्र का पावन पर्व 26 जनवरी से मनाते चले आ रहे हैं जिसमें हम अपने देश के प्रति कर्तव्यो , अधिकारों को याद करते हैं और देश की एकता ,अखंडता विश्व बंधुत्व की भावना स्थापित करने के लिए राष्ट्र के प्रति अपने योगदानों के द्वारा सहयोग करते हैं। हम देश के विकास व उत्थान में हर प्रकार से अपना योगदान देकर राष्ट्र की नींव को मजबूत करते हैं। कार्यक्रम का संचालन सौम्या मिश्रा ने किया। इस अवसर पर राकेश तिवारी, राम सागर तिवारी, अमरजीत मिश्रा, रमापति दुबे , शारदा प्रसाद प्रजापति, अरुण पांडे, श्वेता तिवारी, सपना पांडे ,अजय पांडे, महेंद्र प्रसाद मौर्य ,पारसनाथ भारती ,अशोक कुमार तिवारी, विशाल वैभव ,शिखा दुबे, शैलेंद्र कुमार आदि लोग मौजूद रहे।

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