साहित्यकार डॉ0 राघवेन्द्र नारायण सिंह का राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर और साहित्य गौरव सम्मान से बंगलुरु में सम्मान

हरहुआ ।। वाराणसी के वरिष्ठ कथाकार कवि उपन्यासकार समीक्षक और शिक्षाविद डॉ राघवेन्द्र नारायण सिंह को उनकी साहित्यिक उपलब्धियों के लिए कलश कारवाँ फाउन्डेशन बंगलुरु कर्नाटक द्वारा वहीं पर आयोजित एक सम्मान समारोह में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर और साहित्य गौरव पुरस्कारों से प्रशस्ति पत्र देकर अलंकृत किया गया। 

ज्ञात हो कि साहित्यकार डॉ0 सिंह के अब तक 39ग्रन्थ प्रकाशित हो चुके हैं जिसमें 9 उपन्यास 5 कहानी संग्रह बारह काव्य संग्रह और चार झील गीतसंग्रह के साथ अन्य रचनायें प्रकाशित हो चुकी हैं। अंग्रेजी भाषा में भी लिखते हैं। आपके अंग्रेजी में भी तीन कविता संग्रह एक उपन्यास और अन्य पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। आपके उपन्यासों पर अनेक विश्वविद्यालयों में शोध हो रहे हैं।

झीलों के शहर बंगलुरु की साहित्यिक संस्था *कलश कारवाँ फाउन्डेशन* ने डॉ राघवेन्द्र नारायण सिंह के हाल ही में प्रकाशित चार झील गीत संग्रहों *करो मत झील तुम कलुषित*, *जहाँ पर झील बहती है*, *झील के उस पार क्या है* तथा *शहर से दूर बहती झील* पर उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया है। इस अवसर पर कलश कारवाँ फाउन्डेशन के अध्यक्ष राही राज ने श्री सिंह की साहित्यिक उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए उन्हें संस्था के दो  प्रतिष्ठित पुरस्कारों *राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर सम्मान* और  *साहित्य गौरव सम्मान* से अलंकृत किया। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ सुनील पवार ने की।इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ राघवेन्द्र नारायण सिंह और विशिष्ट अतिथि साहित्यकार द्वय ओम प्रकाश अग्रवाल बबुआ तथा श्रीमती ऊषा श्रीवास्तव ने मंच साझा किया।

कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रीति राही की सरस्वती वन्दना से किया।श्री राही राज ने धन्यवाद ज्ञापन दिया और डॉ चिलुका पुष्पलता ने कार्यक्रम का संचालन किया।

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