स्वतंत्रता आंदोलन में बिरसा मुंडा का योगदान महत्वपूर्ण - विकास निकम

भिवंडी।। आदिवासी समुदाय में बिरसा मुंडा का नाम आदरणीय है। उन्होंने २५ वर्ष की आयु में देश की आजादी के लिए आदिवासी समाज को संघटित कर झारखंड, छोटा नागपुर आदि परिसर मे ब्रिटिश सरकार के खिलाफ आजादी की लड़ाई लड़ी और २५ वर्ष की आयु में अपने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी थी।  स्वतंत्रता के अमृत पर्व को मनाते हुए ऐसे स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान करते हुए उनकी पहचान आज की पीढ़ी के सामने लानी चाहिए और उनकी जयंती मनाना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि देना है। १८७५ से १९०३ के कालावधि तक केवल २५ वर्षों में बिरसा मुंडा ने अच्छे कार्य किये है और स्वतंत्रता आंदोलन में उनका योगदान महत्वपूर्ण था।  इस प्रकार का वक्तव्य भिवंडी मनपा के सभागृह नेता ने उनके जयंती के अवसर पर हुए कार्यक्रम की दौरान कही। इस अवसर पर सभागृह नेता विकास निकम एवं मनपा आयुक्त सुधाकर देशमुख ने बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनका अभिनंदन किया। सभागृह नेता निकम ने आगे कहा कि बिरसा मुंडा के आदर्श को आज समाज के सामने रखने की जरुरत है। अगर हमारे समाज के साथ अन्याय हो रहा है तो उसके खिलाफ लड़ना आजादी का हिस्सा है इसलिए आज आदिवासी समाज उन्हें देवता मानते है। इस दरमियान उपायुक्त मुख्यालय दीपक पुजारी, सहायक आयुक्त चुनाव विभाग नितिन पाटिल, परवाना विभाग प्रमुख ईश्वर आडेप, जनसंपर्क प्रमुख मिलिंद पलसुले, बांधकाम भंडार गृह पाल सुरेश गायकवाड़ आदि मनपा के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।

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