भिवंडी मनपा आयुक्त बने पहलवान, कमिश्नर नहीं, कमीशन की लड़ाई

भिवंडी।। शायद खबर का शीर्षक देखकर ही आप चौंक गए होंगे। लेकिन भिवंडी शहर महानगर पालिका में आयुक्त व पोटदुखे मंडली के बीच की लड़ाई कोई व्यक्तिगत नहीं है। कमीशन के फेर में आयुक्त को हटाने की मुहिम जिला के कई दिग्गज नेताओं तक पहुंच चुका है ? लेकिन दाल नही गलने के कारण एक दूसरे दिग्गज नेता का दरवाजा खटखटाया जा रहा है।

सरकार ने कोरोना संकटकाल के दरम्यान भिवंडी शहर महानगर पालिका के आयुक्त डाॅ.प्रवीण आष्टीकर को हटाकर डाॅ.पंकज आशिया (आईएएस ) को भिवंडी मनपा की बागडोर थमा दिया था। तब से आयुक्त व पोटदुखे मंडली के बीच खींचतानी शुरू हो गयी थी।वैैश्विक महामारी कोरोना के कालावधि अप्रेल, मई,जून,जुलाई,अगस्त में पोटदुखे मंडली को कमीशन खोरी व लूट से वंचित होने के कारण गुप्त तरीके से "आयुक्त हटाओ अभियान" शुरू कर दिया। आयुक्त आशिया ने मनपा प्रशासन में फैले भष्ट्राचार समाप्त करने के लिए कई प्रतिबंध लगा दिये है। जिसके कारण पूरी तरह से कमीशन खोरी पर विराम लग चुका है।
         
वैश्विक महामारी कोरोना संकटकाल के दरम्यान सरकार ने आईएएस अधिकारी डाॅ.पंकज आशिया को भिवंडी मनपा की बागडोर थमा देने से कोरोना काल से जहां कमीशन पहुंचना था,वहाँ का दरवाजा एकदम बंद सा हो गया। हाॅस्पिटल के निर्माण, दवाइयां व उपाय योजना में शासन ने करोड़ों रुपए मनपा प्रशासन को दिये है। जिसमें भारी मात्रा में लूट किया जा सकता था। पूर्व आयुक्त आष्टीकर के कार्यकाल में कोरोना के नाम पर लूट भी शुरू हो चुकी थी। किन्तु आयुक्त आशिया के नेतृत्‍व के बाद भष्ट्राचार व लूट पर विराम लग गया। तथा कोविड अस्पताल जहां बन रहे थे.वहां ना बनकर भिवंडी के स्कूल, कालेज तथा शादी हालों का चुनाव कर, झटपट तरीके से बहुत ही कम खर्चे में 2000 बेड का अस्पताल निर्माण करवाया और व्यापक तरीके से कोरोना जांच करवाया। प्राइवेट अस्पतालों पर शिकंजा कसा.इसके साथ ही प्रभाग समितियों में प्रभारी सहायक आयुक्तो को उनके मूल पद लिपिक कार्यों में भेजकर शासन से आऐ सहायक आयुक्तो को प्रभाग समितियों में सहायक आयुक्त का पद की जिम्मेदारी सौंपी। तथा कामचोर अधिकारियों व कर्मचारियों को कोविड -19 उपाय योजना के कार्यों में लगा दिया.जिसके कारण शहर में बहुत तेजी के साथ फैल रहे कोरोना दुष्प्रभाव रोकने में काफी हद तक कामयाब रहें। 
         
 मनपा मुख्यालय में फैले भष्ट्राचार रोकने के लिए आयुक्त ने लेखा विभाग से चेक बुक मंगवा कर अपने पास रख ली. तथा एक साल में किये गये सभी विकास कार्यों सहित कोविड - 19 उपाय योजना का काम कर रहे ठेकेदारो के बिलों का भुगतान हेतु थर्ड पार्टी आँडिट रिपोर्ट की मांग कर बिलों के भुगतान का फरमान जारी कर दिया। जिसके कारण भष्ट्र ठेकेदारो सहित मनपा के शीर्ष अधिकारियों व पोटदुखे मंडली में हडकंप मचा गया है। इन मंडली के आदेश पर काम करने वाले भष्ट्र अधिकारियों का तबादला भी कर दिया। बस, यहीं से आयुक्त के खिलाफ आक्रोश की चिंगारी भड़की और धीरे-धीरे यह आग में तब्दील हो गई। मनपा मुख्यालय में कमीशन खोरी व भष्ट्राचार पर विराम लगाने से पोटदुखे मंडली "आयुक्त हटाओ अभियान" शुरू कर शहर में विभिन्न तरीके से आयुुक्त के खिलाफ अफवाह फैलाया जा रहा है। इसके साथ ही राजनेताओं के दरवाजे भी खटखटाऐ जा रहे है।

बंदरबाट व कमीशन खोरी का खेल:
सूत्रो का कहना हैं कि मनपा प्रशासन में पिछले लम्बे समय से टाप टेन का शासन चलता आ रहा है.भले वो अलग अलग पार्टी में हो किन्तु लूट व कमीशन खोरी के मलाई में बराबर का हिस्सा इन्हें मिलता रहा है.मनपा मुख्यालय में आईएएस आयुक्त की नियुक्ति के बाद प्रमुख खेमा भी मलाई से वंचित है इसके पहले वह हर कामों में मलाई ले रहा था। हालांकि दोनों पोटदुखे खेमोंं मलाई से वंचित चल रहे है। जिसके कारण आयुक्त हटाने की खिचड़ी पकाया जा रहा है।

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