भिवंडी के कामगार कार्यालय को बोगस कार्यभार , लगभग 75 हजार बांधकाम मजदूरों का नाम रजिस्टर नहीं

भिवंडी।‌। महाराष्ट्र सरकार राज्य के निर्माण श्रमिक और भवन निर्माण श्रमिको को बांध कामगार स्मार्ट कार्ड बनाने जा रही है ये लेबर कार्ड इस वर्ष यानी 2020 तक जारी कर दिए जाएंगे.बांधकाम कामगारो के लिए चलाई जाने वाली योजना है.  इसके लिए महाराष्ट्र सरकार ने दिशा निर्देश जारी कर दिया है.इसी दरम्यान कोरोना संकटकाल को देखते हुए covid -19 में हुए मजदूरों के नुकसान को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने कंटक्शन कामगारों को 5000 रुपये दो किस्तो में देने की घोषणा की है. लेकिन ये पैसे उन्ही कामगारों को दिए जाएंगे जो महाराष्ट्र इमारत बांधकाम कामगार कल्यणकारी मंडळ पर रजिस्टर है।                            

भिवंडी शहर मजदूरों का शहर है.मजदूरों की समस्याएं का छुटकारा दिलाने और मजदूरों का लेखा - जोखा रखने वाला भिवंडी कामगार कार्यालय में अधिकारियों के अनियमितता से लगभग 75 हजार इमारत निर्माण श्रमिक और भवन निर्माण श्रमिकों का नाम रजिस्टर नहीं है। जिसके कारण कोरोना संकटकाल के दरम्यान सरकार द्वारा मिलने वाला 5 हजार रुपये अनुदान से इन कंटक्शन कामगारों को वंचित रहना पड़ रहा है। इस प्रकार का आरोप लाल बावटा असंघटिक कामगार संघटना के भिवंडी शहर अध्यक्ष विजय कांबले ने लगाया है।  

गौरतलब हो कि इमारत बांधकाम में काम करने वाले कंटक्शन कामगारों का नाम व पते रजिस्टर करना कामगार अधिकारियों को अनिवार्य है।‌ किन्तु भिवंडी कामगार कार्यालय में बैठे अधिकारियों के लापरवाही से लगभग 75 हजार कंटक्शन कामगारों के नाम व पते रजिस्टर नहीं है। जिसके कारण उन्हें शासकीय योजना अंर्तगत लाभ से वंचित रहना पड़ता है। कंटक्शन कामगारों के परिजनो ने कामगार कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग किया है।

भिवंडी शहर महानगर पालिका क्षेत्र अंर्तगत 55 हजार तथा ग्रामीण परिसर में 20 हजार कुल लगभग 75 हजार कंटक्शन कामगार है,जिसमें अधिकांश मजदूर अशिक्षित होने के कारण शासन योजनाएं का लाभ इन्हें नहीं मिल पाता। वही पर कार्यालय में बैठे अधिकारी भी मजदूरों का मार्गदर्शन नहींं करते है। शहर के तीन बत्ती, वंजारपट्टी नाका, धामणकर नाका, तोफा होटल शास्त्रीनगर,अंजूर फाटा,कल्याण रोड, शांतिनगर तथा ग्रामीण परिसर के माणकोणी नाका, पडघा, अंबाडी नाका आदि जगहों पर प्रतिदिन हजारों मजदूर काम के तलाश में खड़े रहते हैं। इन जगहों पर कामगार अधिकारियों को जाकर शिविर आयोजित करते हुए मजदूरों का नाम व पता रजिस्टर करना चाहिए। किन्तु कामगार कार्यालय में बैठे इन अधिकारियों द्वारा सिर्फ कुर्सी तोड़ने का काम किया जा रहा है।
     
भिवंडी कामगार कार्यालय में मात्र 1254 कंटक्शन कामगारों के नाम व पते रजिस्टर है। वैश्विक महामारी कोरोना संकटकाल के दरम्यान राज्य सरकार द्वारा 5 हजार रुपये कंटक्शन कामगारों को अनुदान देने का निर्णय लिया है‌। मात्र रजिस्टर मजदूरों ही इसका लाभ मिलेगा। जिसके कारण 75 हजार मजदूर इस योजना से वंचित रहना पडेगा। अनुदान व राहत नहीं मिलने के कारण कंटक्शन कामगारों में असंतोष व्याप्त है। इस प्रकार की जानकारी लाल वटाटा असंघटित कामगार संघटना के अध्यक्ष विजय कांबले ने दिया है।वही पर कंटक्शन कामगारों के परिजनो द्वारा भिवंडी कामगार अधिकारी ओ.सी.पाटिल, व सहायक आयुक्त दिनेश दाभाडे जैसे भष्ट्र तथा कामचोर अधिकारियों को घर बैठा देने की मांग किया है।

रिपोर्टर

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