कन्नौज : जन गणना की तरह अब पशुओं की भी होगी गणना : डीएम

कन्नौज आवारा जानवर मिलने पर मालिकों के खिलाफ जुर्माना के साथ ही एफआईआर भी होगी दर्ज। अस्थायी गोवंश आश्रय के आस-पास चारागाह हेतु स्थलों को चिन्हित किया जाये। अभियान चलाकर गांव के गाय, भैस आदि जानवरों के मालिकों सहित सूची दो दिन के अन्दर प्रस्तुत की जाये।

उक्त निर्देश आज जिलाधिकारी  रवीन्द्र कुमार ने कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद में अस्थायी गोवंश आश्रय के संबंध में की जा रही कार्यवाही की गहन समीक्षा करते हुये संबंधित अधिकारियों को दिये। उन्होनें निर्देशित करते हुये कहा कि अस्थायी गोवंश आश्रय में आने वाले जानवरों के चारा पानी एंव छाया आदि की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। उन्होनें सभी खण्ड विकास अधिकारी एवं एडीओ को निर्देशित करते हुये कहा कि गोवंश आश्रय हेतु प्रत्येक ब्लाकों में 4 से 5 जगहों को चिन्हित किया जाये।

व्यक्तिगत रूचि लेकर कार्यवाही सुनिश्चित करें

उन्होनें यह भी कहा कि कुछ अधिकारियों द्वारा इस संबंध कार्यवाही नही की जा रही है, जिससे पशु आवारा दिखाई पड़े रहे है। इस पर सभी अधिकारी व्यक्तिगत रूचि लेकर कार्यवाही सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित करते हुये कहा कि सचिव लेखपाल आदि के माध्यम से चिन्हित कर जियो टैगिंग की भी कार्यवाही की जाये तथा यह भी सुनिश्चित किया जाये कि गांव के कितने लोग ऐसे है जो अपने पालतू जानवरों का दूध निकाल कर आवारा छोड़ देते है। इसकी भी सूची बनाई जाये, जिससे औचक सत्यापन के दौरान उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जा सके।

उन्होने यह भी निर्देश दिये कि पशु चिकित्साधिकारियों द्वारा जिन दुधारू पशुओं के टीकाकरण की कार्यवाही की गई है। उन्होनें अस्थायी गोवंश आश्रय हेतु आज जसपुरापुर सरैया में गौशाला निर्माण हेतु चिन्हित स्थल का भी निरीक्षण करते हुये आवश्यक निर्देश दिये, कि आश्रय में गाय एंव सांड के रखने के लिये अलग-अलग व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।

जैविक खाद बनाने के संबंध में भी निर्देश

श्री कुमार ने यह भी निर्देश दिये कि गांव के पशुओं का सत्यापन कर सूची प्रस्तुत की जाये तथा हर ब्लाक के 5-5 गांव की भी सूची 2 दिन के अन्दर प्रस्तुत की जायें। उन्होनें निर्देशित करते हुये कहा कि सभी पशु चिकित्साधिकारी अपने-अपने क्षेत्र के गांव की सूची बनाना सुनिश्चित करें। उन्होनें कहा कि जितने अस्थायी गोवंश आश्रय बन गये है उसमें रह रहे जानवरों को पर्याप्त मात्रों में भूसा, पानी आदि की भी समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाये तथा गोवंश आश्रय के आस-पास की भूमि चिन्हित कर जियो टैग कराना भी सुनिश्चित किया जाये।

उन्होनें यह भी निर्देश दिये कि सभी उपजिलाधिकारी एंव खण्ड विकास अधिकारी इस संबंध में साप्ताहिक बैठके सुनिश्चित करते हुये चारागाह की भूमि चिन्हित करते हुये जानवरों के चारे हेतु बरसीम आदि के उत्पादन हेतु आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें। उन्होनें गाय के गोबर से उपले तथा जैविक खाद बनाने के संबंध में भी निर्देश दिये।

आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये

उन्होनें कहा कि दूध देने वाली गायों के दूध से भी उनके चारे आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये तथा हर गोवंश आश्रय में एक -एक व्यक्ति के रहने की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाये, जिससे जानवरों की देखरेख सुचारू रूप से हो सके। उन्होनें निर्देशित करते हुये कहा कि इस कार्य को सर्वोच्य प्राथमिकता के आधार पर रणनीत बनाकर किया जाये। उन्होनें यह भी निर्देश दिये जनपद में अन्य जनपदों से आने वाले जानवरो ंपर भी बार्डर पर रोक लगाने हेतु आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।

आश्रय में साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया जाये। इस संबंध में 14 जनवरी  2019 तक कार्ययोजना बनाकर प्रस्तुत की जाये। उन्होनें यह भी कहा कि जलालाबाद तथा उमर्दा से आवारा पशुओं की शिकायतें अत्याधिक प्राप्त हो रही है इसकों गभीरता से लेते हुये आवारा जानवरो को पकडा जाये। इससे पूर्व जिलाधिकारी जसपुरापुर सरैया ग्राम पंचायत के उस स्थल पर भी गए जहां गोशाला के निर्माण के लिए प्रशासन ने भूमि प्रदान की है और यहां स्थायी निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है। डीएम ने कई स्थानों पर बनाये जा रहे अस्थायी पशु संरक्षण स्थलों पर लाये जाने वाले पशुओं की व्यवस्था को भी देखा और जांच परख की।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी, अति0 मजिस्ट्रेट, उपजिलाधिकारी सदर, तिर्वा, जिला विकास अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आदि संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे

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