
बोईसर में श्रीराम कथा सप्ताह, पूर्णाहुति एवं महाभंडारे के साथ आज हुई संपन्न.।
- Hindi Samaachar
- Jan 11, 2019
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पालघर.। जिले के औद्योगिक शहर बोईसर पूर्व खैराफाटक के पास कृष्णा नगर में श्रीराम कथा ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिवस संध्या पर लोगों की अपार भीड़ देखने को मिली। कथा श्रवण कर रहे श्रोता समाज को महाज्ञानी लंकाधिपति रावण के समस्त कुटुंबियों के मोक्ष देने के बाद रावण बध के उपरांत उसकी सनातन परंपरा से अतिम क्रिया करते हुए विभिषण के राज्याभिषेक तथा पुनः अयोध्या में राज्याभिषेक के बीच के प्रसंगों को अल्प समय में प्रमुख बिंदुओं पर मार्मिक चर्चा करते हुए ब्यास पीठ से प्राख्यात कथावाचक पं.दयाशंकर व्यास जी ने कलयुग में कथा श्रवण एवं उनके ग्रहण की बातें सुमधुर संगीत के माध्यम एवं झांकियों द्वारा बताई।
यह श्रीरामकथा विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी श्रीमद्भागवत सेवा ट्रस्ट कृष्णानगर द्वारा कृष्णा नगर मैदान में 2 जनवरी से 10 जनवरी तक आयोजित की गयी। एवं आज यज्ञ देवता की पूर्णाहुति एवं महाभंडारे के साथ संपन्न हुई।
कथावाचक श्री व्यास जी ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जीवन खंड में गुरुजन,समाज,परिवार, पत्नी धर्म के अनछुए पहलुओं पर श्रोताओं को मन से आकलन करते हुए उनके सदगुणों को जीवन में धारण करने की बात बताई। भगवान कहे जाने के उनके सच्चें गुणों को सारगर्भित करने एवं मर्यादाओं के पालन करने से मिली उपाधि को जीवनपर्यंत संभाले रखने की कला को समूचे परिवार में एवं विलुप्त होती संस्कृति को आने वाले पीढ़ी से रूबरू कराने की अनुरोध किया। जिससे आगे आशान्वित किया जा सके हमारी पीढ़ियां श्रीरामचरितमानस की तुलसीदास द्वारा रचित सुंदर चौपाईयों के माध्यम से सहज हो उनका प्रासंगिक कर सकेगी।
श्रीराम कथा ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिवस पर श्रीमद्भागवत सेवा ट्रस्ट की ओर से परिक्षेत्र के लब्ध प्रतिष्ठित समाजसेवी उद्योजक बबन जाधव,अमर सिंह, कृष्णा नगर के रचयिता युगल अमरचंद रांधेर,दिनेश चंद रांधेर, मिसेज जयप्रकाश सिंह, पं.दयाराम मिश्रा,डाँ. रविंद्र मिश्रा, अश्विनी शर्मा एवं धरर्मपरायण माता जी, मयाराम गुप्ता सहित बोईसर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरिक्षक किशोर जगताप एवं पुलिस टीम ईत्यादि को अंगवस्त्रम श्रीफल पुष्प गुच्छ भेंट करते हुए यज्ञ सफल बनाने में की गयी सहयोग हेतु आभार प्रकट करते हुए उपस्थित सभी स्वजनों समेत श्रोतागणों को ब्यास पीठ से कथा वाचक पं. व्यास जी द्वारा आर्शिवाद, प्रसाद सकुशल रहने एवं धर्ममार्ग पर चलने की प्रेरणा दिलाई गयी।
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