हक मांगा बेटे ने तो बाप ने सरपतहां पुलिस व दो अन्य के द्वारा बुरी तरह पिटवाया

सरपतहां पुलिस ने बिना जांच पड़ताल के युवक को रसूखदार पिता के कहने पर हवालात में बंद करके पीटा (ऑडियो उपलब्ध)


दोनों कांस्टेबल पर अब तक नही लिया गया पुलिस कप्तान द्वारा कोई एक्शन

आरोपी विदेश भागने की फिराक में

अब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नही

सरपतहां (जौनपुर): थाने की पुलिस ने एक रसूखदार बाप के कहने पर उसी के बेटे को थाने में बंद कर बेरहमी से पिटाई की यही नही पुलिस की उपस्थिति में ही दो अन्य लोगों ने भी लाठी डंडे से पीटकर युवक को लहूलुहान कर दिया।


मामला सरपतहां थाने के अंतर्गत अरसिया गाव का है जहाँ एक 57 वर्षीय पिता नें हक की मांग कर रहे युवक को बुरी तरह पिटवाया है। पिता मोहम्मद हसन नें 40 वर्ष पूर्व जमीला से निकाह किया था तथा सऊदी अरब में रहकर कमाता था। 2017 में सऊदी से कमाए पैसे के बल पर मुम्बई की एक अन्य महिला से शादी कर ली तथा उसे लेकर शाहगंज में रहने लगा। पहली पत्नी जमीला से हसन को 3 पुत्रियां व 2 बेटे हैं। 
हसन का छोटा बेटा हाशिम जब पिता के द्वारा लगातार माँ तथा परिवार को नजरअंदाज करते देखा तो उसने पिता से परिवार के भरण पोषण का हक मांगा, हक देना तो दूर पिता नें खेती भी कॉन्ट्रैक्ट पर दे दी और पैसा ले लिया जिससे परिवार भुखमरी के कगार पर पहुँच गया।

आरोपी परवेज

हाशिम ने जब यह कहा कि हम लोगों को भी हमारे हक के हिस्से का पैसा गुजारे के लिए दें तो अपने दो भाँजो परवेज तथा अबूजर के माध्यम से सरपतहां पुलिस के दो कर्मियों गणेशराम तथा सत्येंद्र तिवारी से पिटवाया।

आरोपी अबूजर

जुलाई माह में ईशापुर निवासी परवेज तथा अबूजर चहारदीवारी फांद कर घर मे कूदे तथा परिजनों की लाठी डंडे से पिटाई की और दरवाजे पर खडे दोनो पुलिसकर्मियों ने बाहर आने पर उनकी पिटाई की यही नही हाशिम की मां जमीला को बाल पकड़कर खींचते हुए घर से बाहर लाया फिर दोनों कांस्टेबल गणेशराम तथा सत्येंद्र तिवारी हाशिम को सरपतहां थाने लेकर गए और वहाँ पर उसकी बुरी तरह पिटाई की। (पिटाई का ऑडियो क्लिप हिंदी समाचार के पास उपलब्ध)। जिस पर परिजनों ने एस पी जौनपुर को घटना की जानकारी दी लेकिन अब तक दोषी पुलिसकर्मियों पर कोई विभागीय कार्यवाही नही हुई है।

सिपाही गणेशराम

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों आरोपी जो अब तक पुलिस की गिरफ्त से दूर है वह सऊदी अरब भागने की फिराक में हैं। अब देखना यह है कि पिता, प्रशासन की तरफ से हाशिम को न्याय मिलता है या फिर से पुलिस की बेरहमी की एक और कहानी की फेहरिस्त में शामिल हो जाता है।

रिपोर्टर

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