
जानिए कल्याण डोंबिवली के नेतागण लोकहित में लगे हैं या स्टंटबाजी में ?
- Hindi Samaachar
- Oct 22, 2020
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क्या शहर की वास्तविक समस्याओं से भी वाकिफ नही हैं हमारे नेता?
कल्याण:-कल्याण डोंबिवली शहर में इस समय जिस तरह से राजनैतिक पार्टिया कार्य करते दिखाई दे रही है इससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि शहरवासियों को जल्द ही सभी समस्याओं से निजात मिल सकेगी। इस समय कल्याण डोंबिवली के सभी प्रमुख राजनैतिक पार्टी के विधायक एक्टिव दिखाई दे रहे है, हो भी क्यों नहीं मनपा का चुनाव सामने आ रहा है।
अब एक एक कर सभी का संक्षिप्त विश्लेषण कर लेते हैं तो मनसे विधायक राजू पाटिल शहर की समस्या को लेकर बार बार सोसल मीडिया में छाए रहंते है , कभी सांसद के बंगले के सामने खड़े होकर खड्डे को दिखाते हुए वीडियो निकलवाकर उसे वायरल करवाते है तो कभी ट्रैफिक की समस्या को लेकर, वहीं उनके विधान सभा क्षेत्र में आता है मिलाप नगर, वहां के नागरिक अपनी समस्या को लेकर कई बार उनके पास गए लेकिन कुछ हल नहीं निकला। सोसल मीडिया में बने रहने के कारण सांसद श्रीकांत शिंदे इस पर कमेंट भी कर चुके है।
अब बात करते है भाजपा विधायक रविन्द्र चव्हाण जो की मंत्री भी रह चुके है इस लॉक डाउन के समय में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए अपने कार्यकर्ता और पदाधिकारी के साथ मनपा मुख्यालय के गेट पर धरना देने बैठ गए,मनपा आयुक्त ने उनके द्वारा किये गए धरने को तवज्जो दिए बिना ही निकल गए। बढे हुये बिजली बिल को लेकर कई बार राजनैतिक पार्टियों ने जनता को दिखाने के लिए धरना आंदोलन किया लेकिन हल क्या निकला, कुछ भी नही , आज भी जनता बिजली की समस्या से जूझ रही है।घँटों घँटों बिजली गुल रहने के बावजूद बिल उम्मीद से कई गुना ज्यादा आ रहा है,आम नागरिक बढ़े हुए बिल को देखकर अपना माथा पीट रहा है।लेकिन राजनैतिक पार्टी आंदोलन का दिखावा कर चुप बैठ गयी है।
कल्याण पूर्व के भाजपा विधायक गणपत गायकवाड़ भी क्यों पीछे रहे उनको कोई मुद्दा नहीं मिला तो उन्होंने कुछ अभिभावकों के साथ मिलकर एक स्कूल में जा धमके जिस स्कूल ने दो दिन पहले ही 35 प्रतिशत फीस कम कर दिया था, फिर विधायक जी ने 15 प्रतिशत फीस और कम करवाया इस तरह स्कूल प्रबंधन से 50 प्रतिशत फीस कम करवाने की महारत हासिल किया। जैसे कि अन्य स्कूल में कोई दिक्कत है ही नहीं। स्टंट करना ही था तो सभी स्कूलों पर अपनी नजरें फिरा लेनी चाहिए थी।
ऐसा लग रहा है कि कल्याण पश्चिम के विधायक विश्वनाथ भोईर के कार्य क्षेत्र में नागरिकों की कोई समस्या है ही नहीं इसलिये वह कभी धरना आंदोलन करते हुए दिखाई नहीं देते,या तो कह लिया जाय उनको यह सब दिखावा लगता है जो काम करना है वह कर देते है। पार्टी विधायक के इतने एक्टिव होने के बाद भी जनता को आज लगभग मूलभूत की सभी समस्याओं से प्रतिदिन दो चार होना पड़ता है।
अब प्रश्न यह उठता है कि लगभग सभी पार्टी के नेता केवल दिखावा ही करते रहेंगे या वास्तविक समस्याओं पर दृढ़ता से काम करेंगे। पत्री पुल की समस्या से कोई भी अनभिज्ञ नही हैं कि शहर वासी ट्रैफिक की त्रासदी से किस कदर परेशान हैं लेकिन इसके हल के लिए कोई ठोस कदम नही उठा पा रहे हैं बस बयानवीर बने हुए हैं, शहर की मूलभूत सुविधाओं में से एक स्वास्थ व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है एक भी ढंग के हॉस्पिटल नही हैं , सड़कों की बात करें तो बनने के दो महीनों के अंदर ही सड़कें जैसे थीं उस स्थिति में आ जाती हैं, शहर में बढ़ रहे क्राइम पर कोई ध्यान नही है और तो और विधानसभा में भी बोलने की क्षमता नही रखते न ही शहर की समस्या को उठाते हैं। इसलिए ऐसे नेतागण अब अपने में सुधार करें तो वह जनहित में अच्छा होगा लेकिन जनहित की पड़ी किसको है सब निजीहित मे ही व्यस्त हैं। समस्याएं और भी हैं फिर चर्चा होगी।
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