
सत्यगाथा
- Hindi Samaachar
- Jul 18, 2018
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सभी जमूरे चल पड़े , शुरू हुआ है मेल
ऊंची अचकन टोपियाँ गद्दारी और खेल
गद्दारी और खेल खुले मुह जब भी बोले
शरिया की दरकार , देश तोड़ेंगे बोले
कह बृजेश कविराय ,ये बने हुये है बोझ
पागलपन हद से बढ़ा , देना होगा डोज
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