फर्जी दस्तावेज के लाइसेन्स से दवा की दुकान संचालन

जौनपुर। भ्रष्टाचार का बोलबाला कम नहीं हो रहा है।  प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए तमाम हथकण्डे अपनानी जा रही है लेकिन अधिकारी उसकी काट निकालकर लूट-पाट करने में मशगूल है। नगर पालिका क्षे़त्र के स्टेशन रोड पर व जिला महिला अस्पताल के मुख्यद्वार पर दलितों द्वारा कई सालों से झुग्गी झोपड़ी बनाकर नजूल की जमीन पर अपना व्यवसाय करते थे। उक्त जमीन पर ईट  का कमरा बना लिया था। इस पर जिला प्रशासन और नगर पालिका प्रशासन ने कभी भी आपत्ति नहीं किया। एक भू-माफिया ने दलितों को मुंहमांगी रकम देकर उनके मकान को खाली कराकर इन्द्रा मेडिको के नाम से फर्जी दस्तावेज देकर लाइसेन्स लेकर दुकान खोल लिया। इस बाबत लोगों ने जब नगर पालिका को दिया तो कुछ अधिकारी वहां गये और निरीक्षण करने के बाद फोटो खीचा और वापस लौट आये। इसके बाद भू-माफिया भी पीछे से आया और अधिकारी से मिल कर उनकी जेब गरम किया और आकर करोड़ों की भूमि पर सीना तानकर व्यवसाय कर रहा है। शिकायत पर अधिषासी अधिकारी भी गये और नजूल की जमीन पर दुकान पर खोलकर बैठे व्यक्ति से पूछताछ किया और फोटो खींचकर लौट आये। उक्त प्रकरण की जानकारी प्रशासन के उच्च अधिकारियों के पास पहुंची लेकिन किसी ने अवैध रूप से नजूल की जमीन पर से कब्जा हटावाने का प्रयास नहीं किया। लोगों का कहना है कि प्रशासन केवल गरीब तबके के लोगों पर कार्यवाही कर वाहवाही लूटता है। स्टेशन रोड पर तमाम लोगों ने नजूल की जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है लेकिन प्रशासन इस पर कार्यवाही करने की जहमत गवारा नही करता। नजूल की जमीन का विवाद हाईकोर्ट में सन 2005 से नवीनीकरण का वाद लम्बित है लेकिन अवैध कब्जा हटाने की हाईकोर्ट से मनाही नहीं है। नगर पालिका प्रशासन इस मामले में दखल नहीं दे रही है न ही उच्चाधिकारियों को अतिक्रमण से अवगत करा रही है जिससे भू-माफियाओं के हौसले बुलन्द है। प्रदेश सरकार  इस तरह के मामले में अधिकारियों को कार्यवाही का निर्देश दे रही है लेकिन अधिकारी अपनी जेब भरने में मशगूल है।

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